वाराणसी में माइक्रो प्लान ने कोरोना के दूसरी लहर को रोका, 438 सदस्य की 174 निगरानी समितियों का गठन
शासन-प्रशासन के साथ पीएमओ ने माइक्रो प्लान बनाया। कोराेना वायरस को हर मोर्चे पर मार गिराया। गंभीर मरीजों के इलाज को लेकर अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाई गई। निजी अस्पताल की मनमानी पर अंकुश लगाया गया। कालाबाजारी पर कार्रवाई हुई तो अस्पताल से लेकर बाजार तक मजिस्ट्रेट लगाए गए।
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर बनारस के प्रयासों की सराहना यूं ही नहीं की है। जब कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल माह में बनारस को जकड़ लिया था। चहुंओर भय का माहौल हो गया था। शहर से लेकर गांव तक संक्रमित होने व मौत की सूचनाएं मिल रही थीं। इसके बाद शासन-प्रशासन के साथ पीएमओ ने माइक्रो प्लान बनाया। कोराेना वायरस को हर मोर्चे पर मार गिराया। गंभीर मरीजों के इलाज को लेकर अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाई गई। निजी अस्पताल की मनमानी पर अंकुश लगाया गया। कालाबाजारी पर कार्रवाई हुई तो अस्पताल से लेकर बाजार तक व्यवस्था की निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट लगाए गए। वहीं, संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बने। मसलन, एक घर संक्रमित होने पर सिर्फ उसी घर की घेरेबंदी।
दो घर संकमित होने पर आसपास के पांच घरों की घेरेबंदी और इससे अधिक होने पर मुहल्ले व उस लेन की घेरेबंदी की गई। नगरीय क्षेत्र में वार्ड के पार्षद तो ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम सचिव व आशा कार्यकत्री की अध्यक्षता में निगरानी समितियां बनाई गईँ। हर समिति को आक्सीमीटर, थर्मामीटर व कोरोना से जुड़ी कुछ दवाइयां दी गईं। ट्रेसिंग पर संदिग्ध मरीज को तुरंत दवा दी गई और कोरोना जांच के लिए सैंपल आरटीपीसीआर लैब भेजा गया।
शहर व गांव में मिले गंभीर मरीजों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। स्मार्ट सिटी कंपनी के स्थापित काशी इंटरग्रेटेड सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के तौर रुपान्तरित किया गया। इसमें होम आइसोलेशन व टेली मेडिसीन के लिए एक डेस्क डाक्टरों के लिए आरिक्षत हुए। साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन, कंटेनमेंट जोन की घेराबंदी के लिए नगर निगम, यातायात व भीड़ प्रबंधन के लिए ट्रैफिक विभाग, लॉ एंड आर्डर के लिए पुलिस विभाग के डेस्क भी बनाए गए। साथ ही इस सेंटर से जुड़े सब सेंटर में नगर के कई महत्वपूर्ण इलाकों में खोले गए। विकास भवन के साथ ही पीएम के संसदीय कार्यालय में भी कंट्रोल रूम खुले। गांव के सभी आठ ब्लाक कार्यालयों में कंट्रोल रूम खोले गए। सभी सूचनाएं कमांड एंड कंट्रोल रूम में एकत्रित होती हैं। यहीं से क्रियान्वयन कराया जा रहा है।
कार्य के प्रति सभी की जवाबदेही तय है। सभी टीमों की समीक्षा कमिश्नर दीपक अग्रवाल व जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा प्रतिदिन करते हैं । पीएमओ के निर्देश पर कोविड कंट्रोल प्रभारी के तौर पर एमएलसी एके शर्मा को भेजा गया है तो स्थानीय केंद्र व प्रदेश के मंत्री भी कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने में हर संभव प्रयास कर रहे हैं। भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दल भी सहयोगी बने हैं। सेवाकार्य में आरएसएस की बड़ी भूमिका में है। आंकड़े के नजरिए से कवायद को मापें तो नगर निगम सीमा में शामिल 89 गांवों की बाहरी सीमा में जेटिंग मशीन से सैनिटाइज़ेशन हो रहा है। पर्याप्त मात्रा में सोडियम हाइपो क्लोराइड व मशीनों की उपलब्धता है। नगर निगम सीमा में गठित 146 टीमें सैनिटाइजेशन में लगी हैं। जलकल व अग्निशमन विभाग की बड़ी गाड़ियों (जिनमें एक बुलेट स्प्रे, दाे मैजिक स्प्रे व तीन जेटिंग मशीन है) के सहयोग से कोविड संक्रमित क्षेत्रों विशेषकर अस्पतालों, कार्यालयों, प्रमुख बाज़ारों, शवदाह स्थल व उनके आस-पास के क्षेत्रों में वृहद स्तर पर नियमित रूप से सैनिटाइज़ेशन कराया जा रहा है।
साथ ही साथ नागरिकों द्वारा काशी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में दूरभाष के माध्यम अवगत कराने पर टीम भेजकर सैनिटाइज़ेशन कराया जा रहा है । 4242 कंटेनमेंट जोन व 107 घनी बस्तियों में सैनिटाइजेशन नियमित तौर पर हो रहा है। अब तक 117 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइड व 1250 कोलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर, 1300 किलोग्राम मैलाथियान का छिड़काव व 3200 किलो ग्राम चूने का छिड़काव कराया गया। साथ ही कुल 438 सदस्य की 174 निगरानी समितियों का गठन किया गया है। सभी निगरानी समितियों को पल्स ऑक्सिमीटर और थर्मल स्कैनर उपलब्ध कराया गया है। अब तक 4242 कंटेनमेंट जोन से 7689 किलो ग्राम ठोस अपशिष्ट की मात्रा को निस्तारित किया गया। शहर से प्रतिदिन जनित 762 मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट को 53 गाड़ियों के माध्यम से करसड़ा स्थित प्रोसेसिंग प्लांट में पहुंचाया जा रहा है। अब तक 10793 जगहों को विसंक्रमित किया गया। 26 नई जगहों पर बैरिकेटिंग की गई। 17823 संक्रमित परिवारों के घरों में फ्लायर्स चस्पा किए गए हैं। 55 चौराहों पर लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम और 370 गाड़ियों पर लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को मास्क के उपयोग के बारे में लगातार जागरूक किया जा रहा है।