मेरिट सूची में शामिल फिर भी दाखिले से वंचित, गलती विश्वविद्यालयों की
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के स्नातक व स्नातकोत्तर के विभिन्न पाठ्यक्रमों की मेरिट सूची में शामिल होने के बावजूद तमाम अभ्यर्थी दाखिले से वंचित रह गए हैं।
वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के स्नातक व स्नातकोत्तर के विभिन्न पाठ्यक्रमों की मेरिट सूची में शामिल होने के बावजूद तमाम अभ्यर्थी दाखिले से वंचित रह गए हैं। इन अभ्यर्थियों ने मूल के स्थान पर इंटरनेट से डाउनलोड प्रमाणपत्र वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था। वहीं ऑनलाइन काउंसिलिंग में विद्यापीठ को छोड़कर अन्य विश्वविद्यालयों के अभ्यर्थियों को मूल प्रमाणपत्र स्कैन कराकर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। ऐसे विभिन्न कारणों से 703 अभ्यर्थियों का आवेदन निरस्त किया जा चुका है। इसे लेकर तमाम अभ्यर्थियों ने गुरुवार को आपत्ति जताई है। विद्यापीठ प्रशासन से मूल प्रमाणपत्र अपलोड करने का एक और मौका देने का अनुरोध किया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि सूबे में कई विश्वविद्यालयों ने 30 जून तक रिजल्ट तो घोषित कर दिया लेकिन अंकपत्र देने में देरी की। इसके चलते इंटरनेट से डाउनलोड अंकपत्र वेबसाइट पर अपलोड करना पड़ा। विद्यापीठ प्रशासन इन अंकपत्रों का सत्यापन संबंधित विश्वविद्यालयों की वेबसाइट से कर सकता है। इसके बावजूद आवेदन निरस्त कर दिया गया। मूल अंकपत्र मिलने के बावजूद अब विद्यापीठ मौका देने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में विश्वविद्यालयों की गलतियों का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
वहीं काउंसिलिंग सेल के अध्यापकों का कहना है कि काउंसिलिंग के लिए अभ्यर्थियों को आवश्यक निर्देश पहले ही दिए गए थे। इसके बावजूद कुछ अभ्यर्थियों ने मूल प्रमाण पत्र के स्थान पर इंटरनेट से डाउनलोड अंकपत्र, सूबे के बाहर का जाति (ओबीसी) प्रमाणपत्र अपलोड कर दिया है। इन तमाम विसंगतियों के चलते 703 अभ्यर्थियों का आवेदन निरस्त किया गया है। बहरहाल काउंसिलिंग सेल में शिकायत करने वाले ऐसे अभ्यर्थियों की भीड़ पूरे दिन लगी रही। अभ्यर्थी आवेदन निरस्त होने का कारण जानने के लिए परेशान थे।
अभ्यर्थियों में भ्रम
काउंसिलिंग निष्पक्ष तरीके से हो रही है। दिव्यांग, स्वतंत्रता सेनानी सहित अन्य कोटे की मेरिट को देखकर तमाम अभ्यर्थियों में भ्रम है। उन्हें लग रहा है कि उनसे कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों का दाखिला किया जा रहा है। ऐसे तमाम अभ्यर्थियों का भ्रम दूर कर लिया गया है। कट ऑफ मेरिट के अनुसार ही शुल्क जमा करने के लिए अभ्यर्थियों को एसएमएस भेजा गया है।
-डा. अनिल कुमार, संयोजन, काउंसिलिंग सेल