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उत्‍तर भारत में गलन अपार, वाराणसी में पांच डिग्री तक पहुंचा पारा, ठंडी हवाओं ने कंपाया बदन

मौसम विभाग की ओर से इस सप्‍ताह के आखिर तक पूर्वांचल में बादलों की सक्रियता और बूंदाबांदी का भी अंदेशा जताया गया है। माना जा रहा है कि पश्चिमी विक्षोभ का दूसरा असर बादलों की सक्रियता को और भी गति देगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 09:13 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 09:13 AM (IST)
उत्‍तर भारत में गलन अपार, वाराणसी में पांच डिग्री तक पहुंचा पारा, ठंडी हवाओं ने कंपाया बदन
अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से सात डिग्री कम रहा।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। मौसम विज्ञानियों के अनुसार आने वाले दिनों में मौसम का रुख लगातार बदलाव की ओर ही बना रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से पूर्वांचल में गलन और कोहरे के साथ हल्‍के बादलों का दौर बना हुआ है। आने वाले दिनों में मौसम का रुख बदलने पर भी सप्‍ताह भर गलन का असर पहाड़ों पर बर्फबारी की वजह से बना रहेगा। मौसम विभाग की ओर से इस सप्‍ताह के आखिर तक पूर्वांचल में बादलों की सक्रियता और बूंदाबांदी का भी अंदेशा जताया गया है। माना जा रहा है कि पश्चिमी विक्षोभ का दूसरा असर बादलों की सक्रियता को और भी गति देगा।

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बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से सात डिग्री कम रहा। न्‍यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से चार डिग्री कम रहा। आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 88 फीसद और न्‍यूनतम 65 फीसद दर्ज की गई। मौसम विज्ञानियों के अनुसार गलन का जारी दौर आने वाले दिनों में और भी असर दिखाएगा। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्‍म होने के बाद मौसम में थोड़ा राहत मिलना तय है। इसके बाद पहाड़ों पर हुई बर्फबारी की वजह से ही पछुआ हवाएं सर्दी का अहसास कराएंगी। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों के अनुसार समूचे उत्‍तर भारत सहित पूर्वांचल में कोहरा छाया हुआ है। 

मौसम का यह बदलाव पूर्व अनुमानित ही था। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि ठंड अपने चरम पर है और सप्‍ताह भर के बाद इसमें कमी आनी शुरू हो जाएगी और फरवरी के आखिर तक ठंड का पूरा असर खत्‍म हो जाएगा और मार्च माह के साथ ही गुलाबी ठंड का असर शुरू हो जाएगा जो अप्रैल मध्‍य तक नजर आएगा। इसके बाद गर्म हवाएं और लू का दौर मई के अंत तक जारी रहेगा। जबकि जून मध्‍य तक प्री मानसूनी बारिश के बाद मानसून दस्‍तक दे देगा और समूचा पूर्वांचल बादलों की जद में नजर आएगा। हालांकि, उससे पहले जनवरी माह भर पश्चिमी विक्षोभ का असर लोगों को चुनौती देता नजर आएगा। 


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