हाथों की लाली ही नहीं सेहत की रखवाली भी है मेहंदी, पत्तों का रस है अचूक दवा
खूबसूरती बढ़ाने के साथ ही मेहंदी सेहत के लिए कई तरह से लाभकारी भी है। सावन में तो विशेषतौर से इसका प्रयोग किया जाता है।
वाराणसी [वंदना सिंह]। श्रृंगार में मेहंदी लगाना महिलाओं को पसंद आता है। यही वजह है शादी, समारोह हर उत्सव पर महिलाएं इसे लगाना नहीं भूलतीं क्योंकि ये उनके सौंदर्य में चार चांद लगा देता है। सावन में तो विशेषतौर से इसका प्रयोग किया जाता है। खूबसूरती बढ़ाने के साथ ही मेहंदी सेहत के लिए कई तरह से लाभकारी भी है। यही वजह है कि मेहंदी दुनिया भर के लोगों द्वारा अलग अलग तरीकों से उपयोग की जाती है। ज्यादातर लोग शायद हिना को बालों और त्वचा के लिए डाई के रूप में जानते हैं। मेंहदी (हिना) का वैज्ञानिक नाम 'लॉसोनिया इनर्मिस' है और यह लिथेसिई कुल का एक पौधा है। इसका रस तिक्त, कषाय होता है और वीर्य शीत होता है।
मेहंदी के औषधीय प्रयोग के कई लाभ
मेहंदी लेने के तरीकों और इससे क्या लाभ होता है इस पर राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय की प्रवक्ता डॉ टीना सिंघल के अनुसार आयुर्वेद के विश्वविख्यात आचार्य प्रियव्रत शर्मा द्वारा रचित द्रव्यगुण विज्ञानं ग्रंथ में इसके बहुत से गुण बताए गए है । इसमें टेननिंग और लॉसन नामक तत्व होता है जो इसके गुणों के लिए उत्तरदायी होता है। इससे सुगंधित तेल भी निकाला जाता है जिससे इत्र बनाया जाता है।
- यह तिक्त कषाय और शीतवीर्य होने से पित्त का नाश करता है जिससे शरीर में होने वाले दाह और संताप को शांत करता है।
- सिरदर्द, संधि शोथ और हाथ पैर के तलवों की जलन में इसका लेप करने से आराम मिलता है।
- मेहंदी के पत्तों को खूब बारीक पीसकर मस्तक पर लेप लगाने से आधा सीसी यानी माइग्रेन का दर्द थम जाता है।
- कुष्ठ और त्वचा विकारों में लेप करने से लाभ मिलता है।
- बालों को रंगने के लिये इसका प्रयोग किया जाता है।
- मुंह और गले के रोगों में इसका काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से लाभ मिलता है।
- रक्तातिसार और पीलिया में इसके पत्तों का रस मरीज को देने से लाभ मिलता है।