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राहत की आस : मेघ मल्हार से इंद्रदेव की मनुहार, बारिश की गंगधार में लगाई गुहार

तपिश से निजात और बरसात के लिए शहनाई वादक महेंद्र प्रसन्ना ने सोमवार को अस्सी घाट पर अपने सहयोगियों के साथ गंगा में खड़े होकर शहनाई वादन किया।

By Vandana SinghEdited By: Published: Mon, 03 Jun 2019 03:59 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2019 07:40 PM (IST)
राहत की आस : मेघ मल्हार से इंद्रदेव की मनुहार, बारिश की गंगधार में लगाई गुहार
राहत की आस : मेघ मल्हार से इंद्रदेव की मनुहार, बारिश की गंगधार में लगाई गुहार
वाराणसी, जेएनएन। तपिश से निजात और बरसात के लिए शहनाई वादक महेंद्र प्रसन्ना ने सोमवार को अस्सी घाट पर अपने सहयोगियों के साथ गंगा में खड़े होकर शहनाई वादन किया। राग मेघ मल्हार बजा कर भगवान इंद्र को रिझाने का प्रयास किया।धरती को ताप से मुक्त कराने और बारिश से भिगोने की गुहार लगाई।  ‘मानो तो मैं गंगा मां हूं, न मानो तो बहता पानी, की धुन बजा कर मां गंगा की वेदना भी प्रकट की। कहा संगीत साधक सच्चे मन से धुन छेड़ दे तो बारिश ही नहीं दीपक भी रोशन हो सकते हैं। संगीत के इतिहास में चकित करने ऐसे तमाम प्रसंग हैं। संगीत पुरखों से प्रेरित परंपरा के तहत पीएम के संसदीय क्षेत्र में इंद्रदेव को प्रसन्न करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि बारिश किया बूंदें देश में खुशहाली लेकर आएं।

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