आजमगढ़ जिले में अब नहीं जाना पड़ेगा मेडिकल कालेज, शहर में ही बनेगा कोविड अस्पताल
आजमगढ़ जिले में कोरोना की आहट कमजोर नहीं पड़ी है तो सरकार की तैयारियां भी अपडेट होती जा रही हैं। अब कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने की तैयारी चल रही है।
आजमगढ़, जागरण संवाददाता। जिले में कोरोना की आहट कमजोर नहीं पड़ी है, तो सरकार की तैयारियां भी अपडेट होती जा रही हैं। चौथी लहर की आशंका के दृष्टिगत मरीजों के लिए जिला अस्पताल में टीबी क्लीनिक के सामने 1,13,88 की लागत से नया काेविड अस्पताल बनाने पर सरकार ने मुहर लगा दी है।
नेशनल हेल्थ मिशन योजना से 50 फीसद धन यानी 56.94 लाख रुपये अवमुक्त होने के साथ निर्माण शुरू करा दिया गया है। निर्माण कार्य शुरु होने पर लोगों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि अब जरूरत पर उनकी मुश्किल आसान होगी और राजकीय मेडिकल कालेज का सफर नहीं तय करना पड़ेगा। कोविड मरीजों के लिए 42 बेड का अस्पताल बनाने के लिए पहले ही भूमि चिह्नित कर ली गई थी। निर्माण कार्य की रफ्तार देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि दो से तीन महीने में अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा। उसके बाद इलाज के लिए जरूरी व्यवस्था करके संचालित किया जाएगा।
दो माह पूर्व शासन से मिली थी स्वीकृति : शहर के लोगों के लिए तीन साल पूर्व शहर के हर्रा की चुंगी में नान कोविड अस्पताल बनाया गया। व्यवस्थाएं मुकम्मल न होने से मरीजों को परेशानी हो रही थी। नए अस्पताल की जरूरत को दर्शाते हुए अफसरों ने शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसे मार्च माह में सरकार ने बजट के साथ स्वीकृति दे दी।
मेडिकल कालेज जाने से मिलेगी मुक्ति : अभी तक कोविड मरीजों को मेडिकल कालेज भेज दिया जाता था, जिससे मरीजोंं काे दुश्वारियां झेलनी पड़ती थीं, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब मरीजों का शहर में ही इलाज हो सकेगा। दाे माह में भवन का निर्माण पूर्ण होेने पर कोविड अस्पताल का संचालन शुरू हो जाएगा।
बोले अधिकारी :‘जिला अस्पताल प्रशासन ने जमीन उपलब्ध करा दी है। भूमि के बारे में रिपोर्ट भेजने के साथ ही शासन ने नेशनल प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमटेड (एनपीसीसी) को कार्यदायी संस्था नियुक्त करते हुए बजट जारी कर दिया है।निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है। कोशिश होगी कि मरीजों काे तीन से चार महीने में इलाज की सुविधाएं मिलने लगें।’ -डा. आइएन तिवारी, सीएमओ।