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युवा उद्यमी की नई सोच, उपज और रोजगार बढ़ाने के लिए उतारे कृषि यंत्र

वाराणसी के एक युवा विनम्र अग्रवाल ने उपज और रोजगार बढ़ाने के लिए युवा वर्ग के लिए नई पहल शुरू की।

By Krishan KumarEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 09 Aug 2018 06:00 AM (IST)
युवा उद्यमी की नई सोच, उपज और रोजगार बढ़ाने के लिए उतारे कृषि यंत्र

पूर्वांचल में रोजगार के अवसर तो बहुत हैं, लेकिन उसे विकसित करने की पहल होनी चाहिए। युवाओं का पलायन अन्य जगहों के लिए तब रूकेगा जब उनको अवसर मिलेगा। मौके होंगे तो आय भी बढ़ेगी। ऐसे में एक युवा ने क्षेत्र के युवा वर्ग के लिए पहल शुरू की। शुरुआत 2004 से की गई और अभी तक सफर जारी है। पिता के ऑटोमोबाइल कारोबार में शामिल होकर नए आयाम की कोशिशें शुरू हुई। कृषि क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने की दिशा में अवसर देखते हुए आधुनिक कृषि संयंत्रों को गांव के बाजारों में उतारा गया। कम समय में ज्यादा और बेहतर उपज के लिए ट्रैक्टर, रोटावेटर, थ्रेसर, हार्वेस्टर आदि जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों से पूर्वांचल के किसानों को अवगत कराया गया। यह पहल युवा उद्यमी विनम्र अग्रवाल ने की।

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सोच में बदलाव अचानक एक दिन में नहीं हुआ। नौ साल की अवस्था में ग्वालियर स्थित सिंधिया बोर्डिंग स्कूल गए और फिर 18 साल की अवस्था में लैंकेस्टर, इंग्लैंड गए। वहां बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की। 2004 में पिता विमल अग्रवाल के ऑटो मोबाइल के कारोबार में शामिल हुए। कारोबार को नए अंदाज में बढ़ाने की ललक के कारण आधुनिक कृषि यंत्रों की ओर ध्यान गया। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजनेस करने और लोगों को रोजगार के अवसर देने के लिए बेहतर सोच कारगर साबित हुई।

एक समय सिर्फ ट्रैक्टर की सामान्य ही बिक्री थी। वक्त बदला और सालाना सौ ट्रैक्टर के बदले अब एक हजार ट्रैक्टर की बिक्री हो रही है। साथ ही अन्य अत्याधुनिक संयंत्र की भी मांग बढ़ रही है। विनम्र ने खुद के कारोबार को ही नहीं बल्कि ग्रामीण युवाओं को आय के अवसर प्रदान किए। खेती के ऑफ सीजन पर ट्रैक्टर को अन्य कार्य मसलन माल ढुलाई, ईंट-भट्ठा आदि से कमाई हो रही है।

विनम्र अग्रवाल की कंपनी में सीधे तौर पर करीब पांच कर्मचारी रोजगार पा रहे हैं, लेकिन उत्पादों के माध्यम से लाखों ग्रामीणों को फायदा हो रहा है। पंजाब-हरियाणा में उपज रिकॉर्ड तोड़ है, वजह आधुनिक संयंत्र और तरीके का प्रयोग करना। पूर्वांचल के जिलों में भी बदलाव की प्रक्रिया चल रही है।

कृषि इलाके में अवसर को लाभकारी बनाने की कोशिशें हो रही है। सरकार भी लगातार किसानों को आगे लाने के लिए उनको प्रोत्साहित करने पर जोर दे रही है। किसानी का तौर-तरीका भी बदल रहा है। बदलाव एक अकेले के दम पर नहीं होगा। सभी को कदम से कदम मिलाकर प्रगति के पथ पर अग्रसर होना पड़ेगा, सफलता तय है।

पूर्वांचल में अवसर बहुत हैं, नियोजन करना होगा
विनम्र अग्रवाल का कहना है कि पूर्वांचल का युवा बहुत ही उद्यमशील है। जरूरत बस मौके की है। नियोजन के अभाव में यहां का युवा वर्ग बाहर की ओर अग्रसर है। मौका यहीं देना होगा। संसाधनों का सही इस्तेमाल करना होगा। बेहतर विकास और रोजगार के लिए पढ़ाई के तौर-तरीके में बदलाव आवश्यक है। स्किल्ड लोगों को सामने लाना होगा।

किताबी पढ़ाई से काम नहीं होगा। इससे हम पीछे ही रह जाएंगे। क्लास रूम की पढ़ाई के साथ प्रायोगिक अनुभव पर ध्यान देना होगा। जितने लोगों से मिलेंगे और चर्चा करेंगे उतने ही अनुभव होंगे। जिस भी क्षेत्र में काम किया जाए उसका प्रायोगिक लाभ पढ़ाई के वक्त देने की दिशा में विश्वविद्यालयों को ध्यान देना होगा। जो शोध हो रहे हैं उसे रोजगार युक्त बनाने पर पहल करनी होगी। बढ़ते संसाधनों के बीच नियोजन से ही सफलता की सीढ़ी हम चढ़ पाएंगे।

विनम्र अग्रवाल

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