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वाराणसीः पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पुलिसिंग में सुधार की जरूरत

यूपी में सर्वाधिक जाम वाला शहर बनने के बाद भी बनारस में किसी तरह के अपराध में महज 20 मिनट में यूपी-100 की गाड़ियां पहुंच रही हैं।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Sat, 07 Jul 2018 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 06 Jul 2018 07:38 PM (IST)
वाराणसीः पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पुलिसिंग में सुधार की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र होने के कारण वाराणसी में होने वाले हर छोटे-बड़े अपराध पर नजर टिकी रहती हैं। बनारस टूरिस्‍ट हब होने के कारण पर्यटकों से हमेशा गुलजार रहता है। इस कारण पर्यटकों की सुरक्षा भी हमेशा पुलिस के लिए एक चुनौती रहती है। हालांकि चोरी, छिनैती, नकबजनी और लूट की घटनाएं क्राइम का ग्राफ बढ़ा रही हैं, जो चिंता का विषय है।

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पिछले साल छेड़खानी की घटनाओं के बाद लड़कियों ने स्‍कूल जाना बंद कर दिया था, इसके बाद पुलिसिंग में सुधार की जरूरत दिखी थी वहीं इसमें सुधार की बात भी सामने आई थी। हालांकि दिनदहाड़े हत्‍या, लूटपाट की घटनाएं पुलिस गश्‍त पर सवाल खड़े करती हैं। विदेशी पर्यटकों के साथ भी दुष्‍कर्म, छेड़खानी और लूटपाट की घटनायें हुई हैं। यहां आए कई एसएसपी ने सुरक्षा के लिए पर्यटक थाना, चौकियों का प्रस्‍ताव बनाकर भेजा। हालांकि अब तक कोई कोई ठोस कवायद नहीं हो सकी है।

30 अप्रैल से 31 मई के बीच बनारस में सात हत्याएं हुईं । हालांकि पुलिस ने इनमें से अधिकतर घटनाओं का खुलासा किया है। 15 हजार के 10 से ज्यादा इनामी पकड़े गए। आधा दर्जन मुठभेड़ हुए मगर अपराधियों को सुधरने का मौका दे पुलिस ने सलाखों के पीछे भेजा।

डीजीपी ओपी सिंह की मौजूदगी में एक मई को तत्कालीन एसएसपी आरके भारद्वाज ने सूबे में पहली बार लेडी एंटी रोमियो स्क्वायड दस्ते की नींव रखी, लेकिन अप्रशिक्षित महिला पुलिसकर्मियों को छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए जूझना पड़ा।

बीएचयू के आसपास के इलाकों में पिछले कुछ महीनों से अपराध में बेतहाशा वृद्धि हुई है। चूंकि बीएचयू परिसर में एक लाख से ज्यादा लोगों की चहलकदमी अक्सर बनी रहती है। ऐसे में बीएचयू और 10 किलोमीटर का दायरा पुलिस के लिए अक्सर सिरदर्द साबित होता रहता है। बवाल के दौरान बाहर की कानून-व्यवस्था पुलिस के लिए सिरदर्द साबित होती रहती है। इसे ध्यान में रखकर करीब छह महीने पहले तत्कालीन डीजी विश्वजीत महापात्रा ने बनारस में पांच नए थानों का प्रस्ताव संग पर्यटक थाना की डिमांड भी भेजी थी।

महिला, बच्चों-बुजुर्गों की सुरक्षा है अहम प्रश्न
कुछ छोटी मोटी चोरी की घटनाओं को छोड़ दें तो पिछले साल भर में महिला, बच्चों और बुजुर्गों संग ऐसी कोई उल्लेखनीय वारदात नहीं हुई। वहीं देर रात्रि को छोड़कर रात्रि 10 बजे तक महिलाओं को घूमने में हाल फिलहाल कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन लंका थाना क्षेत्र में सर्वाधिक चेन छीनने की घटनाएं सामने आईं।

20 मिनट में पहुंच रही यूपी-100
यूपी में सर्वाधिक जाम वाला शहर बनने के बाद भी बनारस में किसी तरह के अपराध में महज 20 मिनट में यूपी-100 की गाड़ियां पहुंच रही हैं। चाहे किसी तरह का मामला क्यों न हो पुलिस मौके पर निबटाने का प्रयास करती है। यदि यह संभव नहीं होता है तो आला अफसरों को मामला सुपुर्द कर दिया जाता है।

पुलिस पर आरोप
वहीं पुलिस पर आए दिन भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते हैं। हाल ही में चौक थाना के एक दारोगा द्वारा 50 हजार की रिश्वत संग तत्कालीन मिर्जामुराद थाना प्रभारी द्वारा निर्दोष को सप्ताह भर तक हथकड़ी लगा थाना में बैठाने का मामला काफी गरमाया था।

बनारस को सौगात
- यूपी-100 की 54 गाड़ियां मिलीं
- 20 एंटी रोमियो स्क्वायड दस्ता
- 25 एंटी लेडी एंटी रोमियो स्क्वायड
- 20 से ज्यादा स्वात टीम
- पांच थानों का प्रस्ताव
- एक पर्यटक थाना का प्रस्ताव
- पांच पर्यटक चौकियों का प्रस्ताव
- वर्तमान में 24 पुरुष और एक महिला थाना बनारस में है।
- आठ सीओ हैं तैनात 

इन संसाधनों की जरूरत

- पर्यटक थाना 

- पांच पर्यटक चौकियां
- पुलिस बल की जरूरत
- सर्किल बढ़ाने की जरूरत


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