ईज ऑफ लिविंग इंडेक्सः कचरा प्रबंधन और पब्लिक स्पेस के मामले में अव्वल वाराणसी
गवर्नेंस के मामले में यह शहर 46वें पायदान पर मौजूद है, जबकि पहचान एवं संस्कृति के मामले में वाराणसी 34 वें स्थान पर काबिज है।
देश के प्राचीन सांस्कृतिक और ऐतिहासिक शहरों में शुमार वाराणसी रहने योग्य शहरों की सूची में उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों के मुकाबले बेहतर स्थति में है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय की ओर से जारी ''ईज ऑफ लिविंग'' इंडेक्स की सूची में वाराणसी को समग्र तौर पर 33वें पायदान पर जगह मिली है। हालांकि, कई मानकों पर इस शहर की रैंकिंग 1-10 के बीच रही है।
नागरिकों के लिए पार्क अथवा खुली हवा वाले जगह की उपलब्धता के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र शीर्ष पर काबिज है। वहीं, कचरा प्रबंधन के मामले में यह शहर चौथे पायदान पर जगह बनाने में सफल रहा है।
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गवर्नेंस के मामले में यह शहर 46वें पायदान पर मौजूद है, जबकि पहचान एवं संस्कृति के मामले में वाराणसी 34 वें स्थान पर काबिज है। स्वास्थ्य के मामले में इस शहर को जहां 50वें पायदान पर जगह मिली है वहीं अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिहाज से यह शहर 111 शहरों के मुकाबले 48वें स्थान पर काबिज है।
अन्य मानकों के मुकाबले वाराणसी दो अहम सुरक्षा और शिक्षा के लिहाज से ठीक स्थिति में नहीं है। सुरक्षा के मामले में यह शहर जहां 103वें पायदान पर मौजूद है वहीं शिक्षा के मामले में यह 100वें पायदान पर है।
111 शहरों की इस सूची को चार प्रमुख क्षेत्रों संस्थागत, सामाजिक, आर्थिक और बुनियादी सुविधाओं को आधार मानते हुए तैयार किया गया है, जिसमें 15 सुविधाओं को शामिल करते हुए रैंकिंग तय की गई है।
इन 15 सुविधाओं में गवर्नेंस, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, आर्थिक हालत, रोजगार, कूड़ा प्रबंधन, सीवर प्रबंधन, पर्यावरण प्रदूषण का स्तर, आवासीय सुविधाएं, भूमि का उपयोग, बिजली आपूर्ति, परिवहन, पेयजल की आपूर्ति और नागरिकों के लिए पार्क अथवा खुली हवा वाले स्थल जैसे मानक शामिल हैं, जिसके आधार पर शहरों का आकलन किया गया है।
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