अब एमबीए के छात्रों का होगा इंश्योरेंस, अध्यापकों व कर्मियों को ग्रुप एक्सीडेंटल पालिसी की सुविधा
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने अब एमबीए के छात्रों के लिए इंश्योरेंस अनिवार्य कर दिया है। एआइसीटीई के मानक को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने लागू कर दिया है।
वाराणसी, जेएनएन। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने अब एमबीए के छात्रों के लिए इंश्योरेंस अनिवार्य कर दिया है। एआइसीटीई के मानक को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने लागू कर दिया है। वित्त समिति ने एमबीए के विद्यार्थियों को एक्सीडेंटल व सामान्य बीमा कराने की हरी झंडी दे दी है। सत्र-2019-20 से विद्यापीठ सभी एमबीए के छात्रों का बीमा भी कराएंगी।
वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष व व प्रबंध शास्त्र संस्थान के निदेशक प्रो. अजीत कुमार शुक्ल ने मानक के अनुरूप एमबीए के विद्यार्थियों का बीमा कराने का प्रस्ताव दिया था। वहीं वित्त समिति ने इसे स्वीकार कर लिया। इसके तहत प्रबंध अध्ययन संस्थान में कार्यरत अध्यापकों व कर्मचारियों का भी सामान्य बीमा व ग्रुप एक्सीडेंटल पालिसी की सुविधा प्रदान की जाएगी। वर्तमान में बीमा पालिसी सिर्फ प्रबंध शास्त्र संस्थान में लागू किया गया है। अध्यापकों का कहना है कि पूरे विश्वविद्यालय में यह व्यवस्था लागू कर देना चाहिए।
एमबीएम में 60 सीट, शतप्रतिशत प्लेसमेंट
एआइसीटीई की ओर से विद्यापीठ के एमबीए में 60 सीटों की मान्यता है। वहीं दाखिला यूपी-मैट के माध्यम से होता है। यूपी-मैट की परीक्षा डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्रावधिक विश्वविद्यालय (लखनऊ) आयोजित कराती है। सत्र-2018-19 में एमबीए चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में 58 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। खास बात यह है कि 58 में से 53 छात्रों का परीक्षा से पहले से कैंपस सलेक्शन हो गया था। पांच विद्यार्थी किसी भी कंपनी के साक्षात्कार में शामिल ही नहीं हुए थे। ऐसे में वर्तमान सत्र में एमबीए के छात्रों का एमबीए के छात्रों का शतप्रतिशत प्लेसमेंट हुआ है। वह भी विभिन्न कंपनियों में 3.50 लाख सालाना पैकेज पर।
कान्वेंट स्कूलों के लिए उपयोगी
सीबीएसई से संचालित कान्वेंट स्कूलों में तमाम बच्चे बसों से स्कूल आते-जाते हैं। बसों के दुर्घटना होने का भय बना रहता है। ऐसे में स्कूल प्रबंधनों के लिए भी बच्चों की बीमा पालिसी कारगर साबित हो सकती है।
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