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कहीं गाजीपुर के गजल होटल पर भी ना हो जाए शम्मे हुसैनी की तरह कार्रवाई

शासन के निर्देशानुसार मऊ विधायक मुख्तार अंसारी और उनके करीबियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई निरंतर जारी है। सोमवार को पूरे दिन सुनवाई हुई लेकिन बोर्ड कोई निर्णय तक नहीं पहुंच सका। इससे यह आशंका और बलवती होती जा रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 03:42 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 03:42 PM (IST)
कहीं गाजीपुर के गजल होटल पर भी ना हो जाए शम्मे हुसैनी की तरह कार्रवाई
गाजीपुर में गजल होटल जो मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां की है।

गाजीपुर, जेएनएन। शासन के निर्देशानुसार मऊ विधायक मुख्तार अंसारी और उनके करीबियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई निरंतर जारी है। मुख्तार के करीबी मो. आजम के शम्मे हुसैनी अस्पताल को जिस रणनीति के तहत प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया, कहीं उसी तरह गजल होटल पर भी कार्रवाई ना हो जाए, इसका डर संबंधितों को सताए जा रहा है। सोमवार को पूरे दिन सुनवाई हुई, लेकिन बोर्ड कोई निर्णय तक नहीं पहुंच सका। इससे यह आशंका और बलवती होती जा रही है।

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शम्मे हुसैनी अस्पताल और मुख्तार की पत्नी अफ्शां, दोनों बेटे अब्बास व उमर अंसारी के नगर स्थित गजल होटल पर कार्रवाई साथ ही साथ चल रही थी। दोनों को एसडीएम कोर्ट ने बीते आठ अक्टूबर को ही एक सप्ताह का समय देते हुए ध्वस्त करने का आदेश पारित किया था। इसी बीच दोनों के मालिकान हाइकोर्ट चले गए और यहां से भी दोनों को एक ही निर्देश मिला कि जिलाधिकारी के यहां अपील करें। इस दौरान बीते 12 अक्टूबर को शम्मे हुसैनी अस्पताल के संचालक ने अपील दाखिल कर दी, लेकिन गजल होटल से कोई अपील नहीं की गई। बीते 23 अक्टूबर को जिलाधिकारी की अगुवाई वाली बोर्ड ने शम्मे हुसैनी अस्पताल की अपील पर सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया और अगले ही दिन शनिवार को इसका ध्वस्तीकरण भी शुरू हो गया। शनिवार और रविवार दोनों दिन कोर्ट बंद होने के कारण संचालक को कोई मौका नहीं मिला और जिला प्रशासन ने दो दिनों में 80 फीसद से अधिक अस्पताल की बिल्डिंग को छह-छह पोकलैंड लगाकर ध्वस्त कर दिया। 23 अक्टूबर को ही गजल होटल के मालिकान द्वारा अपील की गई। इसपर सोमवार को सुनवाई थी और हुई भी, लेकिन निर्णय नहीं हो सका। ऐसा शम्मे हुसैनी अस्पताल की अपील को निस्तारण करते समय भी हुआ था। अब गजल होटल के साथ ही यही पुनरावृत्ति होने के कारण संबंधितों की धुकधुकी बढ़ गई है। इनको आशंका है कि कहीं शम्मे हुसैनी अस्पताल की तरह की इनके साथ भी ना हो जाए।


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