Sonbhadra Umbha Massacre Case : तत्कालीन अधिकारियों के षड्यंत्र के कारण हुआ था उभ्भा नरसंहार
सोनभद्र में 11 आदिवासियों को गोली मारकर मौत के घाट उतारने के प्रकरण की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) ने आरोप पत्र तैयार किया जिसमें उन षड्यंत्रकारियों के नाम शामिल हैं जिन्होंने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
सोनभद्र, जेएनएन। घोरावल तहसील के उभ्भा में 17 जुलाई 2019 को भूमि कब्जा करने को लेकर 11 आदिवासियों को गोली मारकर मौत के घाट उतारने के प्रकरण की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) ने आरोप पत्र तैयार किया, जिसमें उन षड्यंत्रकारियों के नाम शामिल हैं जिन्होंने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इसमें तत्कालीन एसडीएम सहित पांच अन्य आरोपितों के नाम हैं। तीन पुलिस कर्मी भी हैं, जो इस समय जिले से बाहर के जनपदों में तैनात हैं।
उभ्भा में 17 जुलाई को आदिवासियों की कब्जे वाली भूमि पर कब्जा करने के दौरान चलाई गई कई राउंड गोलियों से 11 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में 25 से अधिक लोगों घायल हुए थे। ग्राम पंचायत मूर्तियां के प्रधान यज्ञदत्त समेत 27 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इसके अलावा 50 से अधिक अज्ञात लोग भी थे। घटना के बाद एडीजी जोन वाराणसी व राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन एसडीएम विजय प्रकाश तिवारी व सीओ अभिषेक ङ्क्षसह को निलंबित कर दिया गया था। साथ ही कमेटी ने एसआइटी जांच की सिफारिस की थी। उसके बाद ही डीआइजी के नेतृत्व वाली टीम जांच कर रही थी। बताया जाता है कि जिनपर आरोप तय हुआ है उनकी संख्या दर्जन भर है। जिसमें तत्कालीन उपजिलाधिकारी अशोक कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन तहसीलदार जयचंद्र ङ्क्षसह, तत्कालीन सहायक अभिलेख अधिकारी राजकुमार के अलावा तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक घोरावल मूलचंद्र चौरसिया, आशीष कुमार ङ्क्षसह, तत्कालीन उपनिरीक्षक घोरावल पदमकांत तिवारी आदि के खिलाफ एसआइटी ने मजबूत साक्ष्य जुटाए थे। इन लोगों ने भूमि के बैनामा से लेकर कई कार्यों में षड्यंत्र किया था। कहा जा रहा है कि एसआइटी के आरोप पत्र में शीर्ष पांच आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई तय है। बतादें कि प्रभारी निरीक्षक मूलचंद्र चौरसिया मौजूदा समय में मऊ, आशीष कुमार सिंह भदोही, पदमकांत तिवारी चंदौली जिले में तैनात हैं। वहीं अशोक श्रीवासतव 1989 में ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
ऐसे हुई थी घटना
17 जुलाई 2019 को ग्राम प्रधान यज्ञदत्त पक्ष के एक दर्जन से अधिक लोग आठ ट्रैक्टर लेकर भूमि जोतने के लिए पहुंचे। वहां पहले से काबिज आदिवासियों ने विरोध किया तो प्रधानपक्ष की ओर से गोली चला दी गई। कई राउंड गोली चलने के कारण 09 लोगों को उसी समय मौत हो गई जबकि दो लोगों की मौत बाद में हो गई। 25 से अधिक लोग घायल हो गए। घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से लिया और ठोस कार्रवाई। तत्कालीन डीएम अंकित अग्रवाल,तत्कालीन एसपी सलमान ताज पाटिल, एसडीएम विजय प्रकाश तिवारी, सीओ अभिषेक सिंह, एसएचओ अरविंद मिश्रा को हटा दिया था।