Move to Jagran APP

जय हिंद : बोले शहीद के पिता, और बेटे होते तो उन्हें भी सेना में भेजता

छत्तीसगढ़ में शहीद रविनाथ के पिता मानते हैं कि देश सेवा के लिए और भी बेटे होते तो उनको सेना में भेजते।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Aug 2018 12:46 PM (IST)Updated: Thu, 02 Aug 2018 12:46 PM (IST)
जय हिंद : बोले शहीद के पिता, और बेटे होते तो उन्हें भी सेना में भेजता
जय हिंद : बोले शहीद के पिता, और बेटे होते तो उन्हें भी सेना में भेजता

प्रवीण यादव, वाराणसी (बाबतपुर) : 'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।' ओजभरी इन अमर पंक्तियों को गुनगुनाते हुए बड़ागांव थाना क्षेत्र के बसनी दल्लूपुर निवासी सत्यप्रकाश पटेल के दो बेटों व एक बेटी में दूसरे नंबर का रविनाथ छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) में भर्ती हुआ था। 20 मई को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में शहीद हुए इस जांबाज जवान के पिता बताते हैं कि बचपन से ही बेटे के अंदर देश सेवा का जज्बा था। सैनिकों से जुड़े गीत गाने के साथ ही सुबह उठकर दौड़ लगाना व घर की सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में रविनाथ को महारत हासिल थी। परिवार में शायद ही कोई ऐसा होगा जो उससे नाराज रहता हो। उसमें फौज में भर्ती होने का ऐसा जज्बा था कि स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही रविनाथ एयरपोर्ट स्थित मैदान में दौड़ लगाते थे। दौड़ में तेजी व मेहनत की देन थी कि 12 जून 2013 को रविनाथ सीएएफ में नौकरी करने लगे। कुछ साल की नौकरी के बाद मई में 24 वर्ष की उम्र में ही शहीद हो गए। बेटे के शहीद होने के बाद कुछ दिनों तक परिवार सदमे में था, लेकिन अब धीरे-धीरे सब सामान्य जैसा हो चला है। हालांकि, जब कभी होनहार लाल की चर्चा होती है परिवार गमगीन हो जाता है। मां अनीता देवी व पिता सत्यप्रकाश कहते हैं कि देशसेवा की राह पर चलते हुए बेटे के शहीद होने का दुख तो है, लेकिन दो-तीन और बेटे होते तो उन्हें भी सेना में भेजने से पीछे नहीं हटते। आज दल्लूपुर में एसबेस्टस शीट से बना छोटा कमरा है, जहां तंगहाल स्थिति में रविनाथ पढ़ाई करते थे। पूरा परिवार उसी कमरे में रहता था। नौकरी लगने के बाद रविनाथ ने मकान निर्माण के लिए पैसा भेजा था। जो अभी बन ही रहा है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.