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1965 के युद्ध में पाकिस्तान के हौसले पस्‍त करने वाले वीर अब्‍दुल हमीद का आज है शहीदी दिवस Gazipur news

वर्ष 1965 के युद्ध में पाकिस्तान के हौसले पस्त करने वाले भारतीय सेना के सिपाही वीर अब्दुल हमीद आज के ही दिन शहीद हुए थे।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 01:20 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 05:44 PM (IST)
1965 के युद्ध में पाकिस्तान के हौसले पस्‍त करने वाले वीर अब्‍दुल हमीद का आज है शहीदी दिवस Gazipur news
1965 के युद्ध में पाकिस्तान के हौसले पस्‍त करने वाले वीर अब्‍दुल हमीद का आज है शहीदी दिवस Gazipur news

गाजीपुर, जेएनएन। परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का ५४वां शहादत दिवस धामूपुर शहीद पार्क में धूमधाम से मनाया गया। मुख्यअतिथि सेना के ब्रिगेडियर कुंवर विरेंद्र ङ्क्षसह ने कहा कि परमवीर चक्र विजेता का मनाया जा रहा यह पर्व जिले ही नहीं पूरे देश का है। इससे युवाओं को प्रेरणा व संकल्प लेेने की जरूरत है। वीर अब्दुल हमीद की कहानी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए ताकि उसे पढ़कर और बच्चे भी उनकी तरह साहसी बन सकें। इससे पहले शहीद को आर्मी बैंड के साथ गाड आफ आनर दिया गया है और ब्रिगेडियर ने उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित की।
      शहीद की पत्नी रसूलन बीबी के बिना यह पहला पुण्यतिथि समारोह था। शहीद पार्क में आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के गणमान्य लोगों के साथ आसपास गांवों में रहने वाले बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने इसमें हिस्सेदारी की। ब्रिगेडियर वीर अब्दुल हमीद की वीरता से काफी प्रभावित थे। कहा कि आज ही के दिन उन्होंने अमेरिकी पैटन टैंकों को ध्वस्त किया था। आर्मी में होने की वजह से मैं यह महसूस कर सकता हूं कि साधारण गन से अमेरिकी पैटन टैंक को तोडऩा, वह भी पांच-पांच बहुत ही मुश्किल काम था लेकिन वीर अब्दुल हमीद ने इसे कर दिखाया। इससे युद्ध का पूरा परिदृश्‍य ही बदल गया। ऐसे वीरों को जन्म देकर यहां की माटी भी धन्य हो गई है। हमें ही नहीं पूरे देश को उन पर गर्व है। मैं यहा छह वर्ष बाद आया हूं। यहां का ²श्य देखकर काफी खुशी हो रही है कि पहले की अपेक्षा यहां काफी विकास हुआ है।

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जवानों को किसानों से जोड़ा
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि व भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश ङ्क्षसह टिकैत वीर अब्दुल हमीद की वीरता से काफी प्रभावित दिखे। इस किसान नेता ने देश की सीमा की रक्षा कर रहे जवानों व खेत में काम कर रहे जवानों का एक साथ जोड़ा। कहा कि शहीद व सैनिक परिवारों को हमारे यहां काफी इज्जत होती है और देनी भी चाहिए। किसान यूनियन हमेशा यह मांग करती रही है कि अब तक नेताओं के नाम पर गांव का विकास होता आया है, अब शहीदों के नाम पर गांवों का विकास किया जाए। हम लोग फोर्स के लिए भी काम कर रहें और उन्हें और बेहतर सुविधाएं दिलाने की कोशिश है। टिकैत ने किसान समस्याओं पर भी फोकस किया। कहा कि अपने देश में कांट्रैक्ट खेती की बात चल रही है जिसमें बड़ी-बड़ी कंपनियां किसानों से उनका खेत लीज पर लेकर खेती करेंगी और उन्हें उन्हीं के खेत में मजदूर बना देंगी। इसी तरह दूध व्यवसाय पर भी इन कंपनियों की नजर है। वालमार्ट यहां के गांव व कस्बों में संचालित होने वाले बाजारों को समाप्त कराकर अपना स्टोर खोलने की योजना बना रही है। इससे हमारे किसान व पशुपालक बेरोजगार हो जाएंगे। हमारी यूनियन ने इसका विरोध किया है और किसी भी कीमत पर सरकार को यह कांट्रैक्ट साइन नहीं करने देगी।

शीघ्र ही खुलेगी आर्मी कैंटीन
जिले में पहले से संचालित आर्मी कैंटीन को बंद नहीं किया गया है। कुछ तकनीकी कारणों से केवल इसका संचालन कुछ दिन के लिए रोका गया है। कागजी कार्रवाई चल रही है। हम लोग इसमें लगे हैं। शीघ्र ही इसका संचालन फिर से शुरू हो जाएगा। परमवीर चक्र विजेता के जिले में एक आर्मी स्कूल होना चाहिए ताकि यहां के बच्चे देश सेवा के लिए और बेहतर सुविधा और प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। इसके लिए मैं हर जगह आवाज उठा रहा हूंं। कार्यक्रम में आए क्षेत्रीय सांसद अफजाल अंसारी से भी में चाहूंगा कि वह यहां एक आर्मी स्कूल खोलवाने में मदद करें।

 


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