Delhi nizamuddin markaz : पूर्वांचल से भी आयोजन में शामिल हुए थे लोग, जौनपुर में 14 बांग्लादेशी मस्जिद में मिले
पूर्वांचल से भी आयोजन में शामिल हुए थे लोग जबकि दूसरी ओर जौनपुर में 14 बांग्लादेशी मस्जिद में मिले।
वाराणसी, जेएनएन/एएनआई। दिल्ली के निजामुद्दीन में मरकज के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण का मामला देश व्यापी होता जा रहा है। पूर्वांचल से अब तक लगभग आधा दर्जन लोगों के इसमें शामिल होने की जानकारी सामने आई है। वाराणसी के पांच लोग इस समय दिल्ली में ही हैं जबकि भदोही से एक व्यक्ति के शामिल होने की बात सामने आई है। इसकी जानकारी के बाद सम्बंधित व्यक्ति के घर पुलिस गई और आवश्यक जांच पड़ताल भी किया है। तारीक निवासी शहर के घर पर पुलिस गई हुई है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अब तक 157 लोग उत्तर प्रदेश के इसमें शामिल होने की जानकारी सामने आई है।
प्रशासन तलाश में जुटा
निजामुद्दीन में लोगों की जुटान और उनमें से कुछ के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और तेलंगाना में मौत के बाद गहमागहमी बढ़ गई है। शासन स्तर पर ऐसे लोगों को शीघ्रता से चिन्हित कर आइसोलेट करने के साथ चिकित्सकीय जांच के आदेश दिए गए हैं। इसी कड़ी में आदेश पूर्वांचल में आने पर कई जिलों में प्रशासन इस आयोजन में शामिल लोगों की पड़ताल में जुट गया है। कुछ लोगों की पहचान होने के बाद सक्रियता से उनकी और परिजनों की जांच की तैयारी की गई है।
14 बांग्लादेशी गिरफ्तार
जौनपुर में सरायख्वाजा थाना क्षेत्र में एक मदरसा व घरों में करीब एक पखवाड़े से छिपे 14 बांग्लादेशियों को पुलिस ने मंगलवार को छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया। इनके बारे में पुलिस अब छानबीन कर रही है। कोरोना वायरस संक्रमण की आशंका के मद्देनजर इन्हें चिकित्सकीय परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। फिलहाल कोई पुलिस अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। खुफिया विभाग के सूत्रों के अनुसार छानबीन पूरी होने के बाद इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
गाजीपुर में देहरादून से आए 11 जमाती मजिस्द में क्वारंटाइन
गाजीपुर के शहर कोतवाली के महुआबाग-विशेश्वरगंज स्थित मस्जिद में सोमवार की रात 11 जमातियों के आने की जानकारी मिलते ही आस-पास के लोगों में हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी को वहीं क्वारंटाइन करने के साथ पूछताछ शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि सभी देहरादून के रहने वाले हैं। वह 14 मार्च को धर्म का प्रचार करने के लिए दिलदारनगर आए थे। इधर, एसीएमओ डा. पीके कुशवाहा के नेतृत्व में पहुंची मेडिकल टीम ने सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की, जिसमें स्वस्थ पाए गए।
अपने कौम को विभिन्न जानकारी व प्रचार-प्रसार के लिए देहरादून से 11 लोग दिलदारगनर बीते 14 मार्च को आए थे। बीते 25 मार्च को संपूर्ण लाकडाउन होने से उन्हें वहां रहना पड़ रह था। उन्हें जानकारी मिली कि गाजीपुर से बस जा रही है। इसके बाद सभी लोग किसी तरह नगर क्षेत्र में पहुंचे। यहां बस न मिलने पर मस्जिद में रुके। इसकी जानकारी आस-पास के लोगों को हुई तो हड़कंप मच गया। जानकारी मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची व सभी को क्वारंटाइन रहने को कहा गया। वहीं कुछ देर बाद एसीएमओ के नेतृत्व में पहुंची मेडिकल टीम ने सभी का थर्मल स्क्रीनिंग किया। साथ ही उन्हें लाकडाउन तक कहीं न आने-जाने की हिदायत दी गई।
तब्लीगी जमात में शामिल होने बनारस से गए थे पांच मुस्लिम
लॉकडाउन के बाद भी दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के लोगों के जुटने व उनमें शामिल लोगों में से 24 के कोरोना वायरस से संक्रमित व कुछ की संक्रमण के चलते मौत की खबर के बाद से वाराणसी समेत देश के उन शहरों में हड़कंप मचा है जहां से लोग मरकज में गए थे।
वाराणसी के पांच मुस्लिम भी तब्लीगी जमात में शामिल होने दिल्ली गए थे। इसकी जानकारी होते ही पुलिस - प्रशासन बेचैन हो गया। आननफानन में दिल्ली से उन लोगों की सूची मंगाई गई जो लोग तब्लीगी जमात में गए थे। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी के पांच लोग ही दिल्ली गए थे। वाराणसी के सभी मुस्लिम इस समय दिल्ली में ही क्वारंटाइन किए गए है। पुलिस ने उन सभी मुस्लिम बंधुओं के घर के आसपास निगरानी बढ़ा दी है। परिवार के सदस्यों को भी हिदायत दी गई है कि क्वारंटाइन किए लोग यदि वाराणसी पहुंचते हैं तो तत्काल इसकी सूचना दें।
मस्जिदों के आसपास खुफिया तंत्र का पहरा
पटना की एक मस्जिद से चीनी लोगों के छिपे होने का मामला सामने आने के बाद से वाराणसी में भी मस्जिदों की निगरानी बढ़ा दी गई है। सभी मस्जिदों की खुफिया तरीके से जांच कराई जा रही है कि कहीं उनमें कोई विदेशी या गैर राज्यों से आए लोग तो ठहरे नहीं है।
वाराणसी और बनारस ने बढ़ाई उलझन
तब्लीगी जमात में शामिल होने वालों की जो सूची जारी हुई उसमें पांच लोगों अब्दुल साकिब, मोहिबुर रहमान, इम्तियाुजल कमर, अब्दुल मजीद, इम्तियाज के नाम के आगे वाराणसी लिखा था। इसी सूची में बनारस के नाम से तीन नाम सिकंदर, सादमान, और जाकिर लिखा था। वाराणसी से पांच और बनारस से तीन नाम होने से कन्फ्यूजन हो गया कि कुल आठ लोग हैं। सीओ एलआइयू ने बताया कि सभी के नाम के साथ दिए गए मोबाइल नंबर के जरिए जब संपर्क किया गया तो अब्दुल मजीद अदलहाट मीरजापुर का निकला। सिकंदर सोनभद्र के पन्नूगंज का था और जाकिर हापुड़ का रहने वाला है।