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सारनाथ संरक्षित क्षेत्र नौ सौ पीएम आवास फुला रहे अफसरों की सांस, सर्वे में कई अवैध निर्माण आए सामने

सारनाथ में पुरातात्विक धरोहर के संरक्षित क्षेत्र में निजी निर्माण ध्वस्त करने वाला सरकारी तंत्र कटघरे में है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 01:19 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 01:19 PM (IST)
सारनाथ संरक्षित क्षेत्र नौ सौ पीएम आवास फुला रहे अफसरों की सांस, सर्वे में कई अवैध निर्माण आए सामने
सारनाथ संरक्षित क्षेत्र नौ सौ पीएम आवास फुला रहे अफसरों की सांस, सर्वे में कई अवैध निर्माण आए सामने

वाराणसी, जेएनएन। सारनाथ में पुरातात्विक धरोहर के संरक्षित क्षेत्र में निजी निर्माण ध्वस्त करने वाला सरकारी तंत्र कटघरे में है। क्योंकि यहां बनकर खड़े 900 से अधिक शहरी प्रधानमंत्री आवास संरक्षित क्षेत्र की सांस फुला रहे हैं। जबकि कई निर्माणाधीन भी हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और वीडीए की संयुक्त टीम के सर्वे में संरक्षित क्षेत्र में मनमाने तरीके से बन रहे प्रधानमंत्री आवास का मामला सामने आने पर जिम्मेदारों के होश उड़ गए हैं। अब उन्हें समझ में नहीं आ रही है कि क्या करें। सवाल उठता है कि सारनाथ में ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का कार्यालय है और दिनभर कर्मचारी टहलते रहते हैं। इसके बाद भी उनका ध्यान इस पर नहीं गया। ऐसे में अवैध निर्माण रोकने के लिए तैनात वीडीए के अधिकारी व कर्मचारी क्या कर रहे थे। 

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सारनाथ में पुरातात्विक धरोहर के प्रतिबंधित क्षेत्र में मनमानी तरीके से अवैध निर्माण होने पर वीडीए उपाध्यक्ष ने पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद नीरज सिन्हा के साथ बैठक की। वीसी ने पूछा कि अवैध निर्माण के खिलाफ आप कैसे कार्रवाई करते हैं, क्या नियम है। इस पर उन्होंने बताया कि अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस जारी कर गिराने के लिए पत्राचार किया जाता है।  

पुरातत्व विभाग का यह है नियम 

पुरातात्विक धरोहर की बाउंड्री से 100 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का निर्माण नहीं हो सकता है। 300 मीटर के दायरे में निर्माण करने से पहले भवन स्वामी को भारतीय पुरातत्व विभाग से अनापत्ति लेनी पड़ती है। 

केंद्र सरकार को लिखा है पत्र 

वीडीए वीसी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा कि शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना सरकार से क्रियान्वित है। कार्रवाई करने से योजना प्रभावित होगी। 100 और 300 मीटर के अंदर हुए निर्माण के बारे में दिशा-निर्देश दें। 

डीएम ने जताई थी नाराजगी 

पुरातात्विक धरोहर के संरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण होने को लेकर हुई बैठक में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने पुरातत्व विभाग के अधिकारी से कहा था, कार्रवाई आप करिए, जो संसाधन और सहयोग चाहिए जिला प्रशासन देगा। 

बजट को लेकर फंसा पेच 

वीडीए वीसी ने जिला नगरीय एवं अभिकरण (डूडा) के परियोजना निदेशक को पत्र लिखकर जानकारी मांगी थी। पीडी ने वीडीए को संरक्षित में 720 आवास स्वीकृत होने की सूची भेजी है। पूछा है कि आगे की कार्रवाई से अवगत कराएं जिससे अगली किश्त का बजट जारी किया जाए।  

संरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण होने पर पुरातत्व विभाग का अपना नियम है। उन्हें खुद कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन, यदि उनके पास संसाधन नहीं है तो मांगें। वीडीए अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने में पूरा सहयोग करेगा। -राहुल पांडेय, उपाध्यक्ष वीडीए 


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