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Bimal Rai Death Anniversary एक बनारस भी धड़कता था बिमल राय के दिल में, मनोबिना से 1939 में किया था विवाह

Bimal Rai Death Anniversary लालित्य सुंदर शिल्प और अपने समय का दर्पण होने के अलावा बिमल राय की फिल्में महिलाओं की जन्मजात ताकत को दिखाती थीं। उनकी फिल्मों की इस विशेषता के पीछे कहीं न कहीं बनारस की बेटी मनोबीना का प्रभाव है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 06:10 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 12:39 PM (IST)
Bimal Rai Death Anniversary एक बनारस भी धड़कता था बिमल राय के दिल में, मनोबिना से 1939 में किया था विवाह
फिल्मकार बिमल राय और उनकी पत्‍नी फोटोग्राफर मनोबीना राय।

वाराणसी [शाश्वत मिश्रा] । लालित्य, सुंदर शिल्प और अपने समय का दर्पण होने के अलावा बिमल राय की फिल्में महिलाओं की जन्मजात ताकत को दिखाती थीं। उनकी फिल्मों की इस विशेषता के पीछे कहीं न कहीं बनारस की बेटी मनोबीना का प्रभाव है। 1953 में आई अपनी कालजयी फिल्म दो बीघा जमीन के करीब चौदह साल पहले उन्होंने मनोबीना से शादी की थी।

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देखते ही किया शादी का निर्णय : 1930 के उत्तरार्ध तक बिमल राय कलकत्ता (वर्तमान कोलकाला) स्थित न्यू थियेटर्स में एक स्थापित सिनेमेटोग्राफर हो चुके थे। इस दौरान वे नितिन बोस और पीसी बरुआ जैसे लोगों के साथ काम कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने नैनीताल के पास मुक्तेश्वर में एक पारिवारिक आयोजन में अपनी भावी पत्नी मनोबिना सेन को देखा और उनको देखते ही शादी का निर्णय कर लिया।

पिता की झिझक : बिमल राय ने वहीं मनोबिना के पिता से अपनी शादी की बात की। उनके पिता पहले थोड़ा झिझके क्योंकि उस समय मनोबिना की उम्र काफी कम थी। हालांकि कुछ ही समय बाद उन्होंने शादी के लिए हामी भर दी।

बनारस में हुई शादी : पिता की सहमति के बाद 1939 में बनारस में पारंपरिक बंगाली रीति रिवाज से मनोबिना सेन राय और बिमल राय की शादी हुई। शादी के समय मनोबिना 17 और बिमल राय 28 साल के थे।

सफलता के पीछे की महिला : हर सफल आदमी के पीछे एक आत्मविश्वास से भरी महिला होती है। बिमल राय की सफलता के पीछे मनोबिना थीं। बिमल अपनी फिल्मों पर उनसे जरूर चर्चा करते थे। इसके अलावा वे उनकी फोटोग्राफी के भी मुरीद थे। मनोबिना अपने समय की बेहतरीन फोटोग्राफर थीं। उस समय की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में उनकी तस्वीर छपती थी।

पत्नी के कहने पर बदला दो बीघा जमीन का अंत : बिमल राय मनोबिना की योग्यता का कितना सम्मान करते थे इसका अंदाजा दो बीघा जमीन से जुड़े एक प्रसंग से लगता है। फिल्म तैयार हो चुकी थी। इसके अंत में शंभू को उसकी जमीन तो वापस मिल जाती है, लेकिन पत्नी पारो मर जाती है। मनोबिना को यह अंत बहुत अमानवीय लगा। उन्होंने सुझाया कि ज्यादा यथार्थवादी यह लगेगा कि जमीन शंभू के हाथ से निकल जाए लेकिन उसकी पत्नी की मौत न हो। आखिर यही हुआ। बिमल राय ने क्लाईमैक्स की शूटिंग दोबारा की और फिल्म ने इतिहास रचा।

हिम्मत से काम लिया :  8 जनवरी, 1966 को माउंट मैरी रोड स्थित अपने घर में बिमल राय की मौत हो गई। बेशुमार नाम और सम्मान पाने के बावजूद उनकी आर्थिक स्थित बहुत अच्छी नहीं थी। उस समय मनोबिना सिर्फ 44 साल की थीं। एक प्यार करने वाले पति के अलावा उनके बच्चों ने अपने पिता को भी खोया था। माता-पिता दोनों की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी अब मनोबिना पर थी। लेकिन उन्होंने हिम्मत से काम लिया और सिर्फ अपने बच्चों को ही नहीं पाला बल्कि आठवें दशक के अंत तक बिमल राय प्रोडक्शंस के सभी कर्मचारियों को वेतन देती रहीं। तब जबकि उस प्रोडक्शन के पास कोई काम नहीं था। एक शानदार जीवन जीने के बाद 2001 में मनोबिना राय का निधन हो गया।


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