शिव बरात से पूर्व घर-घर गूंज रहे शिव विवाह के मांगलिक गीत, गाई के गोबर महादेव, अंगना लिपाई...गउरा देई चउका पुराई
महाशिवरात्रि के दिन शिव और पार्वती के विवाह का दिन है यूपी के आखिरी छोर पर बसे बलिया में शिव विवाह की तैयारियां एक दिन पहले से भव्य रुप से की जा रही थीं।
बलिया [लवकुश सिंह]। पूर्वांचल में शिव और गौरी के विवाह का दिन ही शिवरात्रि के रुप में मनाए जाने की परंपरा है। महाशिवरात्रि के दिन शिव और पार्वती के विवाह का दिन है। यूपी के आखिरी छोर पर बसे बलिया में शिव विवाह की तैयारियां एक दिन पहले से भव्य रुप से की जा रही थीं। भोजपुरी भाषी क्षेत्र होने के चलते यहां अधिकांश भोजपुरी वैवाहिक मांगलिक गीत एक दिन पहले से घर-घर गूंज रहे थे। घर की महिलाएं अपना गृह कार्य करते हुए भी शुभ वैवाहिक गीत..गाई के गोबर महादेव, अंगना लिपाई...आहो गउरा देई चउका पुराई, को गुनगुना रही थीं, वहीं कुछ महिलाएं ङ्क्षहदी वैवाहिक गीत...अपने भोले बाबा की अजब है बात, संग लेकर चले भूतों की बरात। सजे हैं भोले बाबा, निराले दूल्हे में...आदि गीत गुनगुना रही थीं। दरअसल महिलाएं वैवाहिक गीतों का एक दिन पूर्व प्रैक्टिस इसलिए कर रहीं थीं कि शिव विवाह में उन्हें इन गीतों के साथ मजबूती से खड़ा होना है।
महाशविरात्रि के दिन नगर में जब भव्य शिव बारात निकलेगी, तब इस तरह के गीत बारात के जुलूस में भी गूंंजेंगे। नगर भ्रमण करने के बाद बारात जब बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर पर पहुंचेगी तो विवाह का रश्म शुरू होगा। इस दौरान भी वैवाहिक मांगलिक कोई भी गीत अछूते नहीं रह जाएंगे। पूजा कराने वाले आचार्य पंडित से लेकर बाराती के लोग भी शुभ मांगलिक गालियों से भी नवाजे जाएंगे। बाबा भोले पर भी व्यंग्य रुप में यह गीत होगा...अइसन दूल्हा ना देखनी बाप रे बाप तो बिना नाम लिए परोक्ष रुप से बारातियों और विवाह कराने वाले पंडित जी भी मांगलिक गालियों से खूब नवाजे जाएंगे।
भव्य निकलेगी शिव बारात, दिया निमंत्रण
महाशिवरात्रि पर नगर के अंदर बाबा बालेश्वर नाथ की बरात इस बार भी अछ्वुत होगी। बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर प्रबंध समिति के प्रबंधक अजय चौधरी सहित अन्य सदस्यों के द्वारा एक दिन पूर्व नगर में घूम-घूम कर शिव बारात के लिए लोगों को निमंत्रण देकर आमंत्रित किया। इसमें महिलाएं और पुरूषों को संयुक्त रुप से आमंत्रित किया गया। उन्होंने बताया कि यह बारात शाम को चार बजे से मंदिर से निकलेगी। नगर के भ्रमण के उपरांत रात्रि 8.30 बजे तक यह बारात पुन: मंदिर परिसर में आ जाएगी। उसके बाद अन्य कार्यक्रम आरंभ होंगे। शिव बारात में कई तरह की झांकी होगी। भगवान शंकर के जयकारे संग महिलाओं के मांगलिक गीतों के साथ निकलने वाली बाबा की बरात को भव्य तैयारियां की गई हैं।
गूंजेगी वाराणसी की शहनाई
मंदिर परिसर में शिव बारात पहुंचने के बाद सर्वप्रथम हनुमान चालिसा का पाठ होगा। वहीं बारात में वाराणसी की शहनाई भी अपनी अलग रुप से लोगों को अपनी ओर माहित करेगी। बाबा के विवाहोत्सव के उपलक्ष्य में मंदिर प्रागण में ही सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगा। इस दौरान भंडारा भी चलता रहेगा।
घूम रहे देवताओं के निमंत्रण कार्ड
शिव विवाह में सभी श्रद्धालुओं को आमंत्रित करने के लिए शिव परिवार, देवी, देवताओं के नाम से निमंत्रण कार्ड भी छपवाया गया है। वह कार्ड भी सोशल साइटस पर खूब घूम रहे हैं। इसमें वर शिव, वधु पार्वती के अलावा स्वाग्ताकांक्षी ब्रह्मा, विष्णु हैं। दर्शनाभिलाषी में लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश, कार्तिक सहित सभी देवी-देवताओं को रखा गया है। सभी लोग उसे एक-दूसरे के यहां भेज भी रहे हैं।