आजमगढ़ में मंडलीय अस्पताल फुल ; सीएचसी रेफर हो रहे मरीज, नए मरीज भर्ती करने में आ रही समस्या
मंडलीय जिला चिकित्सालय में भर्ती 50 फीसद से अधिक मरीज मारपीट व सड़क दुर्घटना में घायल हैं।
आजमगढ़, जेएनएन। कानून-व्यवस्था बेहतर होने का सरकार चाहे जितना भी दावा करे लेकिन जिले में ऐसा नहीं दिखता। केवल मंडलीय अस्पताल को देखकर हकीकत का अंदाजा लगाया जा सकता है। अस्पताल में आधा से ज्यादा बेड मारपीट में घायलों से भरा पड़ा है। हालत यह हो गई है कि अब घायलों को सीएचसी, पीएचसी के लिए रेफर किया जा रहा है। इसके लिए एसआइसी ने सीएमओ को पत्र लिखा है।
इमरजेंसी, ट्रामा सेंटर से लेकर 15 वार्डों के 212 बेड में एक भी खाली नहीं है। इसकी वजह से सीएचसी व पीएचसी से रेफर मरीजों को भर्ती करने की बजाय निजी अस्पतालों एवं अतरौलिया स्थित 100 शैय्या अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है। इस समय बाढ़ क्षेत्र में संक्रमण के मरीज प्रतिदिन अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीजों को भर्ती करने की बजाए दवा देकर छोड़ दिया जा रहा है या फिर लिए रेफर किया जा रहा है। मंडलीय जिला चिकित्सालय में भर्ती 50 फीसद से अधिक मरीज मारपीट व सड़क दुर्घटना में घायल हैं।
डेंगू के मरीजों को भर्ती करने की जगह नहीं
मंडलीय जिला चिकित्सालय में डेंगू के मरीजों के लिए 20 बेड का अलग वार्ड बनाया गया है। मरीजों की संख्या बढऩे से इस वार्ड में भी घायल व अन्य बीमारी से ग्रसित मरीजों को भर्ती किया गया है, जबकि डेंगू से ग्रसित मरीजों को जांच के बाद घर जाने की सलाह दी जा रही है या फिर दूसरे अस्पताल में रेफर किया जा रहा है।
बड़ी घटना होने पर हो सकती है समस्या
मंडलीय जिला चिकित्सालय के सभी 212 बेड मरीजों से भरे हुए हैं। ऐसे में यदि कोई बड़ी घटना या दुर्घटना हो जाती है तो मरीजों को भर्ती करने में समस्या उत्पन्न हो सकती है।
अपडेट नहीं सीएचसी-पीएचसी
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के इलाज के लिए सीएचसी और पीएचसी बने हैं लेकिन उसे अपडेट नहीं किया ज सका। संसाधन के अभाव हैं और इस कारण वहां से मरीज को बाहर का रास्ता दिखाने में चिकित्सक भलाई समझते हैं। ज्यादातर मामलों में लोग व्यवस्था से लोग संतुष्ट नहीं होने के कारण सीधे मंडलीय अस्पताल पहुंच जाते हैं।
हड्डी रोग चिकित्सक की तैनाती न होने समस्या
जिले के समस्त सीएचसी व पीएचसी में हड्डी रोग विशेषज्ञों की तैनाती न होने के कारण दुर्घटना व मारपीट में घायलों को मंडलीय जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया जाता है। यदि सीएचसी व पीएचसी में हड्डी रोग विशेषज्ञों की तैनाती की जाती तो मरीजों को भर्ती करके इलाज किया जा सकता है।
इस बारे में एसआइसी मंडलीय जिला चिकित्सालय डा. एसकेजी सिंह ने कहा कि मंडलीय जिला चिकित्सालय के सभी वार्ड फुल हैं। मरीजों को अतरौलिया के सौ शैय्या अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है। यदि मारपीट व सड़क दुर्घटना में मामूली रूप से घायलों का उपचार सीएचसी व पीएचसी में चलता तो जिला अस्पताल से रेफर करने की स्थिति नहीं बनती।