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Makar Sankranti 2021 : काशी में मकर संक्रांति पर पंचग्रही योग के बीच आस्‍था की कतार चली गंगधार

मकर संक्रांति पर हर हर बम बम और जय गंगा मैया के साथ ही बधइया बजने और मंदिर में घंट घड़ि‍यालों के शोर के बीच स्‍नान का दौर शुरू हुआ तो दिन चढ़ने तक लोगों की आस्‍था की कतार टूटती कहीं से नजर नहीं आई।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 08:35 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 01:30 PM (IST)
Makar Sankranti 2021 : काशी में मकर संक्रांति पर पंचग्रही योग के बीच आस्‍था की कतार चली गंगधार
तड़के चार बजे से ही गंगा घाटों पर आस्‍था हिलोरें लेती नजर आई।

वाराणसी, जेएनएन। मगर संक्रांति के मौके पर काशी में सुबह से ही कोहरे के बीच गंगा स्‍नान के लिए स्‍नानार्थियों की घाटों पर काफी भीड़ रही। तड़के चार बजे से ही गंगा घाटों पर आस्‍था हिलोरें लेती नजर आई। हर हर बम-बम और जय गंगा मैया के साथ ही बधइया बजने और मंदिर में घंट घड़ि‍यालों के शोर के बीच स्‍नान का दौर शुरू हुआ तो दिन चढ़ने तक लोगों की आस्‍था की कतार टूटती कहीं से नजर नहीं आई। दोपहर तक मकर संक्रांति की पुण्‍य की डुबकी लोगों ने लगाई और आस्‍था की कतार मंदिरों में बनी रही। वहींं सुबह से ही दशाश्वमेध घाट स्थित खिचड़ी बाबा के मंदिर में खिचड़ी का प्रसाद वितरित हुआ। सैकड़ों लोगों ने कतार में खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया।

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दशाश्‍वमेध घाट, शीतला घाट, पंचगंगा घाट, असि घाट से लेकर गंगा गोतमी संगम कैथी में भी आस्‍था का रेला सुबह से ही नजर आया और लोगों ने गंगा स्‍नान करने के साथ ही दान पुण्‍य भी किया।  वहीं सुबह बाबा दरबार में भी दर्शन पूजन का दौर चला और खिचड़ी बाबा मंदिर में भी जाकर आस्‍थावानों ने खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया।

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मकर संक्रांति में पंचग्रही योग के बीच लोगों ने स्‍नान ध्‍यान के साथ मंदिरों में दर्शन पूजन के साथ ही दान पुण्‍य कर परिवार के लिए मंगलकामना की। घरों में खिचड़ी की देसी घी संग छौंक सुवास देती रही तो आसमान में पतंगों की परवाज खिचड़ी पर्व को आकाश देती नजर आई। दुकानें भी भोर से खुल गईं तो लोग गुड़, देसी घी, पापड़, अचार के साथ नए चावल और काला उरद खरीदते नजर आए।     

सुबह से ही घने को‍हरे के बीच आस्‍थावानों का रेला गंगा घाट की ओर रुख किए नजर आया। चारों ओर घना कोहरा इतना कि कम विजिबिलिटी में गंगा में नौका संचालकों को भी आस्‍थावानों को नदी उस पार ले जाने में दुश्‍वारी का सामना करना पड़ा। लोगों की भीड़ को गंगा में नियंत्रित करने के लिए सुबह से ही जल पुलिस भी सुरक्षा कारणों से मौजूद रही। जबक‍ि घाटों पर सुरक्षा कारणों से पुलिस चक्रमण करती रही। घाटों पर सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग भी की गई थी।  

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पूर्वांचल में आस्‍था की लंबी कतार

 पूर्वांचल भर में नदियों के तट पर आस्‍था की कतार नजर आई। मीरजापुर, भदोही, चंदौली, गाजीपुर और बलिया आदि जिलों में गंगा के तट पर आस्‍था की डुबकी लोगों ने लगाई और पुण्‍य काल में स्‍नान कर उगते सूर्य को अर्घ्‍य देने के साथ दान पुण्‍य किया। वहीं मऊ, आजमगढ़ और बलिया जिले में सरयू तट पर आस्‍थावानों ने संक्रांति स्‍नान कर परंपराओं का निर्वहन किया। 

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गंगा गोमती संगम पर पुध्‍य की डुबकी

वाराणसी में कैथी क्षेत्र में गंगा-गोमती संगम स्‍थल पर जहां आस्‍थावानों ने पुण्‍य की डुबकी लगाई तो आदि गंगा गोमती और गंगा के मिलन स्‍थली गाजीपुर जिले के खानपुर थानाक्षेत्र में भी संगम तट पर मकर संक्रांति का स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह ही गुड़, तिल और चावल- उरद का दान कर लोगों ने देवालयों में पूजन अर्चन कर वर्ष भर के लिए मंगलकामना की।

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