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सोनभद्र नरसंहार के मुख्‍य आरोपित हिरासत में, देर रात तक शव नदी के किनारे दफन Sonbhadra news

थाना घोरावल पर पंजीकृत अपराध की धाराओं में वांछित मुख्य अभियुक्त यज्ञदत्त धर्मेन्द्र तथा कोमल को पुलिस ने आखिरकार गुरुवार देर शाम तक गिरफ्तार कर लिया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 19 Jul 2019 10:35 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2019 10:35 AM (IST)
सोनभद्र नरसंहार के मुख्‍य आरोपित हिरासत में, देर रात तक शव नदी के किनारे दफन Sonbhadra news
सोनभद्र नरसंहार के मुख्‍य आरोपित हिरासत में, देर रात तक शव नदी के किनारे दफन Sonbhadra news

सोनभद्र, जेएनएन। जमीन कब्‍जा करने को लेकर दस लोगों की हत्‍या और दर्जनों लोगों को घायल करने के आरोपियों पर पुलिस अब सख्‍ती में जुट गई है। थाना घोरावल क्षेत्र की वारदात के बाद थाना घोरावल पर पंजीकृत अपराध की धाराओं में वांछित मुख्य अभियुक्त यज्ञदत्त, धर्मेन्द्र तथा कोमल को पुलिस ने आखिरकार गुरुवार देर शाम तक अलग अलग स्‍थानों से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को हिरासत में लेकर कार्रवाई की जा रही है वहीं घटना में वांछित अन्‍य आरोपियों की तलाश जारी है। 

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वहीं दिन भर की जिच के बाद गुरुवार की देर शाम चार बजे,एक साथ दसों शवों को लेकर एक डीसीएम जब गांव में पहुंची तो महिलाएं फूट-फूटकर रोने लगीं। बच्चे, बुजुर्ग सभी का रो-रोकर बुरा हाल था। आखों में गम था तो मन में गुस्सा भी। हालांकि छावनी के रूप में तब्दील हुए गांव में पुलिस की जबरदस्ती के आगे किसी की हिम्मत नहीं हुई कि आगे आकर बोले। अंतत: सभी शांत हो गए और गांव के बाहर जंगल के समीप नम आंखों से सभी शवों को ले जाकर दफन कर दिया। इस बीच गांव से लेकर जंगल तक करूण-क्रंदन गूंज रहा था। 

यह हाल रहा घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव का। भूमि विवाद के कारण यहां बुधवार को नरसंहार हुआ, जिसमें दस लोगों की हत्या हो गई और 25 लोग घायल हो गए। सभी का शव जिला अस्पताल लाया गया। यहां रात में पोस्टमार्टम कराने के बाद सभी के शव को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, तनावपूर्ण स्थिति में गुरुवार की शाम चार बजे उभ्भा गांव भेजा गया। वहां जैसे ही शव पहुंचा तो कोई अपने लाडले का अंतिम दर्शन करने को तो कोई अपने उजड़े सुहाग की अंतिम झलक पाने लिए बेताब दिखा। जैसे ही शव पहुंचा तो महिलाएं डीसीएम की ओर दौड़ पड़ीं। हालांकि संख्या अधिक होने के कारण पुलिस ने सभी को दूर ही रोक दिया। शव को तब तक नहीं उतारा गया जब तक गड्ढा नहीं खोद दिया गया। वहीं कुछ परिजन इस बात को लेकर अड़े रहे कि शव को घटनास्थल वाली जमीन में दफन किया जाए, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी और नदी के किनारे गड्ढा खोदवाकर रात साढ़े आठ बजे तक सभी शवों को दफन करा दिया।

ग्राम प्रधान के घर तैनात हुई पीएसी

ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए किसी अनहोनी की आशंका से अधिकारियों ने गुुरुवार की शाम आरोपित मूर्तिया के ग्राम प्रधान यज्ञदत्त के घर पर एक प्लाटून पीएसी तैनात कर दिया। कारण कि शवों को दफन करने पहुंचे व गांव के लोगों में घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही थी। आशंका व्यक्त की गई कि रात में कहीं ग्रामीणों द्वारा प्रधान के घर को अनहोनी न कर दी जाए।


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