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महेंद्र सिंह धौनी को भाया था बनारसी कचौड़ी-जलेबी का स्वाद, 10 जुलाई 2016 को आए थे धोनी कैप्टन कूल

कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी निजी कार्यक्रम के तहत दो बार बनारस आए मगर कचौड़ी-जलेबी का स्वाद ने इतना पसंद आया कि रास्ते के लिए भी उन्होंने इसे ही पैक कराया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 08:34 PM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 08:34 PM (IST)
महेंद्र सिंह धौनी को भाया था बनारसी कचौड़ी-जलेबी का स्वाद, 10 जुलाई 2016 को आए थे धोनी कैप्टन कूल
महेंद्र सिंह धौनी को भाया था बनारसी कचौड़ी-जलेबी का स्वाद, 10 जुलाई 2016 को आए थे धोनी कैप्टन कूल

वाराणसी, जेएनएन। गरमा-गरम पूड़ी-कचौड़ी और जलेबी का ऐसा अलबेला स्वाद कि एक बार किसी की जुबान पर चढ़ जाए तो बस दीवाना ही बना दे। दीवानों की इस फेहरिस्त में नेता से लेकर अभिनेता तक शामिल हैं। टीम इंडिया के कैप्टन रहे महेंद्र सिंह धोनी निजी कार्यक्रम के तहत दो बार बनारस आए, मगर कचौड़ी-जलेबी का स्वाद ने इतना पसंद आया कि रास्ते के लिए भी उन्होंने इसे ही पैक कराया।

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वैसे तो टीम इंडिया के कैप्टन महेंद्र सिंह धौनी का महज दो बार बनारस आगमन हुआ। मगर इस संक्षिप्त समय में भी जहां वे बनारस की जिंदादिली और खान-पान के कायल हो गए थे, तो वहीं सरल, सहज और कूल महेंद्र ङ्क्षसह धोनी यहां की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत से प्रभावित हुए। यहां न सिर्फ स्कूली बच्चों से मुखातिब हुए, बल्कि उनके छोटे-छोटे सवालों के इत्मीनान से जवाब भी दिए।

जुलाई 2016 में पहली बार आए बनारस

महेंद्र सिंह धोनी अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत पहली बार 10 जुलाई 2016 को बनारस पहुंचे थे। शाम को अपनी ही फिटनेस चेन स्पोट्स फिट में जमकर पसीना बहाया, जिसमें जिम संचालक विक्की मित्तल ने उनकी मदद की। विक्की के मुताबिक फिटनेस को लेकर महेंद्र सिंह धोनी हमेशा सजग रहते हैं। अपने साथ वालों को भी फिटनेस के लिए हमेशा प्रेरित करते रहते हैं। उनके अचानक सन्यास की घोषणा से देश-दुनिया के उनके प्रशंसक मायूस हुए हैं।

बच्चों से सवालों के दिए थे जवाब

11 जुलाई 2016 की सुबह वे डीपीएस वाराणसी में आमंत्रित थे, जहां वे सिर्फ बच्चों से ही मुखातिब हुए। मासूम सवालों के बड़े ही इत्मीनान से जवाब दिए। बच्चों को बड़े ख्वाब देखने का न सिर्फ नजरिया दिया, बल्कि उन्हें पूरा करने के लिए जोश व जुनून से भर दिया था।

दिल्ली से लौटते समय बनारस में रुके

दिल्ली से हमर कार झारखंड ले जाने के दौरान भी मई 2018 में महेंद्र सिंह धोनी बनारस पहुंचे थे। रात्रि विश्राम के लिए अपने मित्र एवं बिजनेस मैनेजर अरुण पांडेय के घर रुके थे। उनका यह दौरा बेहद निजी रहा, जिसकी भनक किसी को नहीं लग पाई थी। सुबह उनकी फरमाइश पर नाश्ते के लिए कचौड़ी-जलेबी मंगाई गई थी। अरुण पांडेय के मुताबिक पूड़ी-कचौड़ी का स्वाद उन्हें खूब पसंद आया। छक कर खाने के साथ ही उन्होंने सफर के लिए अलग से पूड़ी-कचौड़ी पैक भी कराई थी।

महेंद्र सिंह धौनी ने ली थी हमारे साथ सेल्फी, यादगार था वो पल

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास लेने की खबर से उनके प्रशंसक काफी निराश हैं। वहीं लगभग चार साल पहले धौनी वाराणसी में अपने महमूरगंज स्थित जिम की ओपनिंग पर आए थे। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय एथलीट नीलू मिश्रा भी उनसे मिली थीं। नीलू ने धौनी से अपनी मुलाकात से जुड़ी बातों को साझा की साथ ही बताया कि वो चंद पलों की मुलाकात जीवन भर याद रहेगी।

नीलू मिश्रा ने बताया जिम की ओपनिंग पर मैं और मेरा बेटा आकाश जब धौनी से मिले तो उनकी सादगी देख हैरान थे। मैंने धौनी से अपना परिचय दिया। मेरे बेटे आकाश ने भी कई खेलों से जुड़े होने और अवार्ड जीतने की बात बताई तो धौनी ने उसे बधाई दी। मगर यह जानकार हैरान थे कि इतने बड़े लड़के की मां होकर आज भी मैं खेल रही हूं वो मुझसे बहुत प्रभावित हुए थे। हमलोग उनके साथ फोटो लेना चाहते थे। मैंने अपने मोबाइल से धौनी के साथ फोटो लेने के लिए हाथ बढ़ाया तभी धोनी ने मेरे हाथ से मोबाइल लिया और खुद हंसते हुए हमारे साथ कई सेल्फी ली थी। वो व्यक्ति का सम्मान करना जानते हैं। लगभग पांच से दस मिनट तक हमारी फिटनेस पर बातें हुई थीं। ये पल आज भी जेहन में ताजा हो जाता है। अब क्रिकेट के मैदान पर धोनी को हमारी आंखें तलाशेंगी।

नीलू बताती हैं जिम में धौनी ने वर्कआउट किया था और एक-एक एक्सरसाइज के बारे में वहां के ट्रेनरों को फिटनेस टिप्स दिए थे। इस दौरान उन्होंने ट्रेनरों से भी जानकारी ली थी। धोनी बिना हड़बड़ाहट के वर्कआउट कर रहे थे। उनकी फिजिक बहुत शानदार है जो काफी मेहनत के बाद बनती है। वह बहुत शांत स्वभाव के हैं मगर दूसरों का सम्मान करना जानते हैं। करियर के पीक टाइम पर उन्होंने खेल से सन्यास लिया है।  देश ने उनकी लीडरशिप में कई मैच जीते हैं। हो सकता है धोनी नए खिलाडिय़ों को मौका देना चाहते हों। मगर नए खिलाडिय़ों की अब जिम्मेदारी बढ़ गई है क्योंकि उन्हें धोनी जैसे महान क्रिकेटर के जगह की भरपाई करनी होगी जिसमें बहुत मेहनत लगेगी। मगर जनता धौनी को क्रिकेट के मैदान पर हमेशा मिस करेगी।


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