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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : कानूनी दांव-पेच में फंसा BAMS मेडिकल के छात्रों का भविष्य

कालेज प्रबंधन का दावा है कि मान्यता के प्रकरण में सुनवाई के लिए 18 नवंबर को हाईकोर्ट में डेट लगी हुई है। ऐसे में छात्रों की निगाहें अब कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है। फिलहाल तीन सौ मेडिकल छात्रों का भविष्य कानूनी दांव-पेच में फंसा हुआ है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 11:38 AM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 01:45 PM (IST)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : कानूनी दांव-पेच में फंसा BAMS मेडिकल के छात्रों का भविष्य
तीन सौ मेडिकल छात्रों का भविष्य कानूनी दांव-पेच में फंसा हुआ है।

वाराणसी, जेएनएन। मान्यता के फेर में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबद्ध तीन मेडिकल कालेजों के बीएएमएस (सत्र-2018-19) बैच छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। मान्यता के अभाव में विद्यापीठ ने इन कालेजों के छात्रों की परीक्षा कराने में असमर्थता जता दी है। वहीं अन्य कालेजों के छात्रों की परीक्षाएं जारी है। इसे लेकर तीनों कालेजों के छात्रों में रोष है। वहीं कालेज प्रबंधन छात्रों को शीघ्र ही समस्या का समाधान होने का आश्वासन दे रहा है। कालेज प्रबंधन का दावा है कि मान्यता के प्रकरण में सुनवाई के लिए 18 नवंबर को हाईकोर्ट में डेट लगी हुई है। ऐसे में छात्रों की निगाहें अब कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है। तीन सौ मेडिकल छात्रों का भविष्य कानूनी दांव-पेच में फंसा हुआ है। 

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डा. विजय आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज (कैथी), संतुष्टि आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज (चुनार) व अपेक्स आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज (चुनार) के छात्रों का कहना है कि सत्र-2018-19 में हम लोगों का बीएएमएस कोर्स में नीट के माध्यम से दाखिला हुआ था। काउंसिलिंग कराने के लिए उप्र आयुष का एलाटमेंट लेटर भी हमारे पास मौजूद हैं। यदि मान्यता नहीं थी तो उप्र आयुष ने दाखिले की अनुमति क्याें दी गई। कहा कि देश के अन्य मेडिकल कालेजों में हमारे बैच के दूसरे व्यवसायिक की भी परीक्षा हो गई है। वहीं दो साल में हमलोग जहां से चले थे। वहीं आज भी खड़े हैं।

विद्यापीठ तीन मेडिकल कालेजों को छोड़कर अन्य मेडिकिल कालेजों के प्रथम व्यवसायिक की परीक्षा दो नवंबर से ही ले रहा है। वहीं मान्यता न होने के कारण हम लोगाें की परीक्षा कराने में असमर्थता जता दी है। इसके लिए हम लोग गत दिनों विद्यापीठ के कुलपति व कुलसचिव से लगायत डीएम तक से गुहार लगाने गए थे। हालत यह है कि विद्यापीठ में कोई पत्रक लेने वाला तक नहीं था। वहीं डीएम हम लोगों से मिलना तक उचित नहीं समझे। वहीं कालेज प्रबंधन भी इंतजार करने का सिर्फ कोरा आश्वासन दे रहा है। छात्रों ने कहा यदि 18 नवंबर के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो हम लोग राजभवन का दरवाजा खटखटाएंगे।

बोले विवि प्रश्‍ासनिक अधिकारी

‘‘बीएएमएस (सत्र-2018-19) बैच की मान्यता प्रक्रिया में है। यह प्रकरण कोर्ट में चले जाने के कारण अब तक मान्यता नहीं मिल सकी है। इसे लेकर मेडिकल के छात्र आंदोलित है। फिलहाल छात्रों को समझा-बुझा कर शांत करा दिया गया है। छात्रों के भविष्य के साथ अन्याय नहीं होगा। सत्र-2018-19 बैच की मान्यता के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। -डा. विजय यादव, चेयरमैन

‘‘बीएएमएस (सत्र-2018-19) बैच की मान्यता न होने के कारण डा. विजय आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज (कैथी), संतुष्टि आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज (चुनार) व एपेक्स आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज (चुनार) के छात्रों की परीक्षा अब तक नहीं कराई गई है। बगैर मान्यता के परीक्षा कराना विद्यापीठ के लिए संभव नहीं हैं। यदि कोर्ट से परीक्षा कराने का कोई दिशा-निर्देश मिलता है तो उसका पूरी तरह अनुपालन किया जाएगा। -डा. एसएल मौर्य, कुलसचिव काशी विद्यापीठ।


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