Mahatma Gandhi Kashi vidyapith में अब पहले रिव्यू, फिर संविदा शिक्षकों की होगी तैनाती
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने रिव्यू के आधार पर विभिन्न स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में संविदा शिक्षकों की तैनाती करने का निर्णय लिया है। इसकी शुरूआत बीएड विभाग से कर दी गई है। विश्वविद्यालय की प्राथमिकता पहले से पढ़ा रहे शिक्षकों को दोबारा पांच साल के लिए नियुक्त करने की है।
वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने रिव्यू के आधार पर विभिन्न स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में संविदा शिक्षकों की तैनाती करने का निर्णय लिया है। इसकी शुरूआत बीएड विभाग से कर दी गई है। साथ ही अन्य विभागों में भी संविदों शिक्षकों की तैनाती के लिए साक्षात्कार जारी है। इस दौरान सत्याग्रह पर बैठे शिक्षकों को भी साक्षात्कार में शामिल किया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन की प्राथमिकता पहले से पढ़ा रहे शिक्षकों को ही दोबारा पांच साल के लिए नियुक्त करने की है।
मुख्य परिसर के अलावा गंगापुर व एनटीपीसी, सोनभद्र परिसर संविदा पर 78 शिक्षक तैनात थे। उनकी संविदा 30 जून को ही समाप्त हो गई थी। हालांकि संविदा शिक्षकों का दावा है कि 13 मार्च को जारी शासनादेश में संविदा शिक्षकों की सेवा विस्तार का स्पष्ट उल्लेख है। विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद इसका अनुमोदन भी कर चुकी है। ऐसे रिव्यू की प्रक्रिया गलत है। इस क्रम में बुधवार को संविदा शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल वीसी आवास कुलपति प्रो. टीएन ङ्क्षसह से वार्ता करने भी गया था लेकिन कुलपति ने संविदा शिक्षकों से मिलने से इंकार कर दिया। इसे लेकर संविदा शिक्षकों में रोष है। शिक्षकों का कहना है कि सेवा विस्तारीकरण के लिए कुलपति विभागाध्यक्षों व संकायाध्यक्षों की बैठक बुलाने का आश्वासन दिए गए थे। इसके बावजूद अब तक बैठक नहीं बुलाई गई। इसे देखते हुए हम लोग कुलपति से वार्ता करने उनके आवास गए थे। बहरहाल शिक्षकों का सत्याग्रह 17वें दिन भी जारी रहा। शिक्षक अपनी मांग को लेकर अड़े हुए हैं। सत्याग्रह में शामिल शिक्षकों में डा. मानिक चंद्र पांडेय, डा. आनंद यादव, मदनलाल, राजेश कुमार, रमेश मिश्रा सहित अन्य अध्यापक शामिल है।