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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने संविदा शिक्षकों का आंदोलन किया अवैध, धरना स्थल को खाली कराने की नोटिस

काशी विद्यापीठ प्रशासन ने संविदा पर कार्यरत रहे शिक्षकों के सत्याग्रह आंदोलन को अवैध घोषित कर दिया है। संविदा शिक्षकों पर बगैर किसी सूचना के आंदोलन करने का आरोप लगाते हुए परिसर स्थित पंत प्रशासनिक भवन के सामने धरना स्थल को खाली कराने का निर्देश दिया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 08:32 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 08:32 PM (IST)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने संविदा शिक्षकों का आंदोलन किया अवैध, धरना स्थल को खाली कराने की नोटिस
काशी विद्यापीठ स्थित गांधी प्रतिमा के नीचे अपनी मांगो को लेकर सत्याग्रह संविधाकर्मी।

वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने संविदा (कोर फैकल्टी) पर कार्यरत रहे शिक्षकों के सत्याग्रह आंदोलन को अवैध घोषित कर दिया है। संविदा शिक्षकों पर बगैर किसी सूचना के आंदोलन करने का आरोप लगाते हुए परिसर स्थित पंत प्रशासनिक भवन के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना स्थल को खाली कराने का निर्देश दिया गया है। कुलसचिव डा. एसएल मौर्य की ओर से जारी नोटिस में कोर फैकल्टी के शिक्षकों की संविदा 30 जून को समाप्त होने का भी उल्लेख किया गया है। इसकी प्रतिलिपि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ ही सिगरा थाने को भी दी गई है।

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कुलसचिव की नोटिस को लेकर संविदा शिक्षकों में रोष है। कुलसचिव को नोटिस का जवाब में शिक्षकों ने कहा है कि दो नवंबर से बेमियादी सत्याग्रह करने की अनुमति के लिए कुलपति व डीएम को ई-मेल व व्यक्तिगत स्तर पर जाकर पत्रक दिया गया था। इसकी प्रतिलिपि गृहमंत्री, राज्यपाल, उपमुख्यमंत्री, सहित अन्य लोगों को भी भेजी गई है। शिक्षकों का कहना है कि मुख्य परिसर के अलावा गंगापुर व एनटीपीसी, सोनभद्र परिसर नियुक्त 78 शिक्षकों की संविदा 30 जून समाप्त होना था। नौ मई की विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने 13 मार्च को जारी शासनादेश के अनुपालन में मानक के अनुरूप वेतन भुगतान करने हरी झंडी दे दी थी है। इसके तहत संविदा शिक्षकों ने ई-कंटेंट भी तैयार किया था। विश्वविद्यालय ने संविदा शिक्षकों द्वारा तैयार ई-कंटेंट वेबसाइट पर अपलोड किया था। बाद में इसे हटा लिया गया। कहा कि हम लोगों का आंदोलन जारी रहेगा। इस क्रम में आंदोलन के चौथे दिन गुरुवार को सत्याग्रह को उपवास में तब्दील कर दिया है। धरना स्थल पर शिक्षकों ने रामधुन का गायन विरोध जताया। कहा कि जब तक हमलोग उपवास पर बैठे रहेंगे घरों में भी चूल्हा नहीं जलेगा। उपवास में बैठने वालों में मुख्य रूप से डा. अपर्णा त्रिपाठी, डा. निर्मला, डा. अनुपमा श्रीवास्तव, डा. मानिक चंद पांडेय, डा. महेंद्र प्रसाद, डा. वीरेंद्र प्रताप, डा. मारकंडेय यादव सहित अन्य लोग शामिल है।


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