महाशिवरात्रि : वाराणसी में आज रात ही होगी मंगला आरती
महाशिवरात्रि का महापर्व कल है। आज रात जुड़ी भोर 2.15 बजे मंगला आरती के लिए पट खुलेंगे। आज यहां पर 3.15 बजे तक मंगला आरती झांकी के दर्शन होंगे।
वाराणसी (जेएनएन)। काशी पुराधिपति बाबा भोलेनाथ विवाहोत्सव यानी महाशिवरात्रि पर खुद दरबार के नियम-कानून की देहरी लांघेंगे। भक्तों के भाव पर रीझेंगे और आज तो पूरी रात जागेंगे।
महाशिवरात्रि का महापर्व कल है। आज रात जुड़ी भोर 2.15 बजे मंगला आरती के लिए पट खुलेंगे। आज यहां पर 3.15 बजे तक मंगला आरती झांकी के दर्शन होंगे। इसके बाद भोर 3.30 बजे आम भक्तों के लिए बाबा के पट खुल जाएंगे। देश-दुनिया से आए श्रद्धालु विवाहोत्सव महापर्व पर बाबा को लुटिया भर दूध-जल से नहलाएंगे। मनोकामना पूर्ति के लिए बेल पत्र और धतूरा भी चढ़ाएंगे। विवाहोत्सव पर दोपहर 12 से 12.30 बजे तक भोग आरती तो रात में चार प्रहर की आरती के लिए थोड़ा-थोड़ा दर्शन विश्रम होगा।
इसके अलावा मंगलवार भोर से बुधवार रात 11 बजे तक लगभग 43 घंटे सिर्फ और सिर्फ उनके भक्तों के नाम होगा। महाशिवरात्रि की रात 11 से 12.30 बजे तक प्रथम प्रहर की आरती, रात 1.30 बजे से 2.30 बजे तक दूसरे प्रहर और रात तीन से 4.25 बजे तक तीसरे प्रहर की आरती होगी। बुधवार की सुबह पांच से बजे 6.15 बजे तक चतुर्थ प्रहर की आरती होगी। अगले दिन नित्य की भांति भोग अनुष्ठान और आरती तो जारी रहेगी लेकिन बाबा बुधवार की रात 11 बजे ही शयन पर जाएंगे। इस दौरान बाबा का दरबार फूलों से गमकेगा।
मान्यता है बाबा के विवाह उत्सव में समस्त देवी-देवता किसी न किसी रूप में उनके दरबार में हाजिरी जरूर लगाते हैं। इसलिए श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार के पट भी बंद नहीं किए जाते हैं। पूरे शहर के रास्ते भी शिवालयों की ओर मुड़ जाते हैं।
आज शुरू होगी पंचक्रोशी यात्रा
आज रात 12 बजे मणिकर्णिकाघाट पर संकल्प के बाद पंचक्रोशी यात्रा शुरू होगी। श्रद्धालु कंदवा, भीमचंडी, रामेश्वर, पांचो पंडवा (शिवपुर), कपिलधारा होते श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे। मुरली गली होते छत्ताद्वार से उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। एसपी ज्ञानवापी शैलेंद्र राय के अनुसार नीलकंठ पूर्ण रूप से मलबा साफ नहीं हुआ है। इस कारण पूर्व वर्ष की भांति ही प्रवेश व निकास की व्यवस्था रहेगी। एसपी सुरक्षा ने सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धालु सुविधाओं का ख्याल रखने के निर्देश दिए।
लगेंगी दोहरी कतारें
महाशिवरात्रि पर बाबा भोलेनाथ के विवाहोत्सव पर हर वर्ष की तरह भक्तों का रेला के मद्देनजर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में देर रात तक तैयारियां जारी रहीं। पिछले वर्ष महाशिवरात्रि पर करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन किया था। इस लिहाज से प्रशासन ने दो कतारें लगवाने की तैयारी की है।
इसमें एक चौक की तरफ से तो दूसरी दशाश्वमेध-डेढ़सीपुल-गोदौलिया से लगेगी। दोनों लाइन छत्ताद्वार क्राासिंग गेट नंबर चार पहुंचेंगी। वहां से श्रृंगार गौरी होते मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। निकास की व्यवस्था गेट नंबर दो से होगी।
दिव्यांगों का ढुंढिराज गणोश मार्ग
पर्व विशेष पर दिव्यांगों व वृद्धजनों को गेट नंबर एक ढुंढिराज गणोश गेट से प्रवेश दिया जाएगा। वीआइपी का प्रवेश तथा निकास शाम पांच से सात बजे तक गेट नंबर एक ढूंढिराज गणोश से होगा।
चिकित्सा और पानी का इंतजाम
बाबा दरबार में रेला के मद्देनजर चिकित्सा कैंप की भी व्यवस्था की गई है। डाक्टर के नेतृत्व में पूरी चिकित्सा टीम रानी भवानी मंदिर में रहेगी। चितरंजन पार्क, गोदौलिया और चौक पर एंबुलेंस एलर्ट रहेगी। परिसर में श्रद्धालुओं के लिए पेयजल व्यवस्था की कमान वालेंटियर संभालेंगे।
सीसी टीवी की जद में क्षेत्र
सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से पूरा क्षेत्र सीसी कैमरे की जद में रहेगा। सोमवार रात शयन आरती के बाद से ही पूरा परिसर सुरक्षा घेरे में आ जाएगा। मंगलवार भोर मंगला आरती के साथ और इसके बाद तक हर एक को तलाशी के बाद ही प्रवेश मिलेगा। पर्व विशेष पर हर तरह के पास निरस्त रहेंगे। रेडजोन निवासी व दुकानदार ही इसमें छूट पाएंगे। सुरक्षा के लिहाज से कोबरा कमांडो समेत भारी सुरक्षा बल तैनात रहेगा। गर्भगृह से लेकर घाट तक खुफिया इकाई भी सक्रिय रहेगी।
साथ न ले आएं यह सामान
मोबाइल, बैग, पेन, इलेक्ट्रानिक चाबी, कैलकुलेटर, गुटखा, कैमरा, माचिस, चाकू या अन्य अस्त्र शस्त्र आदि।
अमानती गृह
गोदौलिया टांगा स्टैंड पर अमानती गृह होगा। मंदिर जाने से पहले इसमें सभी सामान निश्शुल्क रखे जा सकेंगे।