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माघी पूर्णिमा पर नदियों के पावन तट पर सुबह से स्नान दान कर श्रद्धालु ले रहे पुण्य

पूर्वांचल में मंगलवार को आस्‍थावानों का रेला नदियों की ओर उमड़ा और लोगों ने अपनी इच्‍छा शक्ति के अनुसार स्‍नान के बाद दान पुण्‍य किया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 11:02 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 11:02 AM (IST)
माघी पूर्णिमा पर नदियों के पावन तट पर सुबह से स्नान दान कर श्रद्धालु ले रहे पुण्य
माघी पूर्णिमा पर नदियों के पावन तट पर सुबह से स्नान दान कर श्रद्धालु ले रहे पुण्य

वाराणसी, जेएनएन। मघा नक्षत्र में पड़ने वाला माघी पूर्णिमा कुंभ के पांचवें स्नान के रूप में मान्‍यता रखता है। इस लिहाज से पूर्वांचल में मंगलवार को आस्‍थावानों का रेला नदियों की ओर उमड़ा और लोगों ने अपनी इच्‍छा शक्ति के अनुसार स्‍नान के बाद दान पुण्‍य किया। वाराणसी, मीरजापुर, भदोही, गाजीपुर और बलिया में सुबह से गंगा में लोगों ने स्‍नान के बाद दान पुण्‍य किया। वहीं आजमगढ़, मऊ और बलिया में घाघरा नदी में भी लोगों ने पुण्‍य की डुबकी लगाई।

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दूसरी ओर जौनपुर के राजेपुर त्रिमुहानी, पिलकिछा, करशूलनाथ घाट पर श्रद्धालुओं ने सुबह स्नान करने के बाद भगवान  कृष्ण, विष्णु और शिव का ध्यान करने के बाद हवन जाप किया एवं अनाज वस्त्र बर्तन दान किया। विद्वानों के अनुसार ऐसा करने से पापों से मुक्ति मिलती है। यह श्रद्धा मन में लेकर नदी के पावन घाटों पर लोगो की भीड़ स्नान कर रही है।

माघी पूर्णिमा पर पंडित मुरारी श्याम पांडेय व्यास ने बताया कि इसके साथ काले तिल और गुड़ से पितरों का श्राद्ध करने से पितर भी मुक्त होते हैं। मंगलवार को माघी पूर्णिमा का पर्व है। सुबह 4 बजकर 21 मिनट से स्नान शुरू है, यह पूरे दिन चलेगा। सुबह स्नान करके भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनका जाप पाठ हवन करने से सुख-समृद्धि और धन धान्य से मनुष्य पूर्ण होता है और पितरों का श्राद्ध भी करके मुक्ति पाता है। जनपद की प्रमुख नदियां गोमती और सई के किनारे जाकर के बहुत से ग्रामीण स्नान करके दान करके फल प्राप्त कर रहे हैं। सांसारिक जीवन के पापों से मुक्ति पाते हैं। राजेपुर त्रिमुहानी, पिलकिछा आदि घाटों पर स्नानार्थियों की भीड़ है।


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