9PM 9Minutes : देश भर में 30000 मेगावाट से अधिक तो UP में 4384 मेगावाट तक खपत में आई कमी
9PM 9Minutes देश भर में 30000 मेगावाट से अधिक तो UP में 4384 मेगावाट में आई कमी।
सोनभद्र, जेएनएन। प्ररधानमंत्री द्वारा नौ मिनट तक बत्तियां बुझाने की अपील के बाद लोगों में यह चर्चा भी रही कि कहीं ग्रिड न बैठ जाये अचानक बिजली खपत कम होने से। हालांकि देश के काबिल अभियंताओं ने अपनी मेहनत और काबिलियत के बल पर ऐसा होने नहीं दिया।
प्रधानमन्त्री के आह्वान पर रात नौ बजे से नौ मिनट तक घर की लाइटें बंद रखने का आहवान प्रदेश के बिजली विभाग में सतर्कता के साथ बीता। लाकडाउन के दौरान नागरिकों को घरों में रखने में बिजली की अपेक्षित आपूर्ति काफी मददगार साबित हो रही है।इसे बनाये रखने में लाकडाउन के बीच उर्जा निगमों ने जबर्दस्त काम किया है। कोरोना संकट के बीच प्रधानमन्त्री के आह्वान पर भारी संख्या में नागरिकों ने घरों की लाइटें बंद रखी।
इसका अंदाजा बिजली की घटी मांग को देखकर भी लगाया जा सकता है। इस प्रक्रिया को लेकर यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर, राज्य विधुत उत्पादन निगम, पावर कारपोरेशन एवं पावर ट्रांसमीशन कारपोरेशन सहित सभी उर्जा निगम एलर्ट पर रहे। लाकडाउन के बीच सभी छोटे छोटे उपकेंद्रों तक विधुतकर्मी मांग पर नजर बनाये रखे। केवल 10 मिनट के अंतराल में मांग में तीन हजार मेगावाट से ज्यादा की कमी आई। रात 8.55 बजे मांग 13019 मेगावाट के करीब थी जो रात 9.01 बजे 11180 मेगावाट के करीब हो गयी। अगले तीन मिनट के अंदर यह घटकर 9548 मेगावाट तक लुढ़क गयी। इस दौरान कई इकाइयों के उत्पादन में कमी लायी गयी। मांग में हुयी कमी को लेकर कोई तकनीकि दिक्कत हुयी इस सम्बन्ध में जानकारी नहीं प्राप्त हो सकी है।नौ मिनट के कार्यक्रम के दौरान हुए कई बदलाव की जानकारी को गोपनीय रखा गया। हालाकि 9.11 बजे के बाद हुए बदलाव को सार्वजनिक रखा गया। लोड डिस्पैच सेंटर ने पहले ही तीन हजार मेगावाट की सम्भावित कमी की सम्भावना जताई थी। जिसको लेकर पूरी तैयारी की गयी थी। हालांकि दो मिनट के अंतर पर दो हजार मेगावाट की अचानक कमी के दो बार आये मौके को संतुलित करने में उर्जा निगमों को काफी सतर्कता बरतनी पड़ी। ओबरा परियोजना में मुख्य महाप्रबंधक ई आरपी सक्सेना की मौजूदगी में सभी अधिकारी लगातार मांग के साथ उत्पादन पर नजर बनाए हुए थे।
ग्रिड रहा हलकान
आमतौर पर ग्रिड की फ्रीक्वेंसी में तेजी से बदलाव होने के बहुत कम मौके आते हैं। लेकिन नौ मिनट के कार्यक्रम को लेकर मांग में हुए परिवर्तन के कारण फ्रीक्वेंसी तेजी से बदलती रही।सभी उर्जा निगमों के बीच सामजस्य बने रहने के कारण काफी बदलाव के बावजूद ग्रिड को न्यूनतम और अधिकतम सीमा के बीच में रखने में सफलता मिली।नियमित तौर पर मांग में कमी के साथ नौ मिनट के कार्यक्रम के कारण हुयी कमी को नियन्त्रण में रखा गया। अचानक कमी को देखते हुए रात 8.30 बजे से ही फ्रीक्वेंसी के घटने की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी।रात 8.30 बजे फ्रीक्वेंसी 50.06 हर्टज थी जिसके बाद मांग में कमी के कारत फ्रीक्वेंसी घटते रही। रात 8.55 बजे यह 49.93 हर्टज तक घटी और उसी पर अगले कई मिनट तक कायम रही। लगभग 9.04 बजे यह पुनः बढ़कर 50.23 हर्टज पर रही।उसके बाद ज्यादा बदलाव नहीं हुआ।
खपत में आई भारी कमी
ऑल इण्डिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन तथा उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ ने प्रधानमंत्री की अपील पर घर की लाइट बन्द होने के दौरान कठिन परिस्थितियों में बिजली ग्रिड का संचालन सामान्य बनाये रखने हेतु देश और प्रदेश के तमाम बिजली इंजीनियरों, जूनियर इंजीनियरों और कर्मचारियों को बधाई दी है। ऑल इण्डिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे अभियन्ता संघ के जीके मिश्र, राजीव सिंह व अदालत वर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि 5 अप्रैल दिन रविवार की रात 09 बजे के पहले देश भर में लगभग 117000 मेगावाट बिजली की खपत हो रही थी जो 09 बजे के बाद 86000 मेगावाट तक घट गई। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में रात 09 बजे के पहले 13484 मेगावाट की खपत थी जो घटकर 9100 मेगावाट रह गई थी। इस प्रकार इस दौरान पूरे देश में लगभग 31000 मेगावाट और उत्तर प्रदेश में लगभग 4384 मेगावाट की कमी आई जो बिजली ग्रिड के स्थायित्व के लिए अभूतपूर्व घटना थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एवं प्रान्तीय स्तर पर ग्रिड के सुरक्षित और सफल संचालन के लिए समस्त बिजली कर्मी बधाई के पात्र हैं। विदित हो कि लगातार ग्रिड की सुचारू संचालन की तैयारी में लगे नेशनल लोड डिस्पैच सेन्टर, रीजनल लोड डिस्पैच सेन्टर,तथा स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर के कर्मचारियों अभियंताओं अवर अभियंताओं की तारीफ करनी पडेगी जो तीन अप्रैल से ही लगातार सारी व्यवस्था ठीक करने की तैयारी मे दिन रात जुटे रहे। उत्पादन विद्युत् गृहों,765 केवी, 400 केवी ,220 केवी ग्रिड सब स्टेशनों के विद्युत कर्मी इकाईयों व ग्रिड की सुरक्षा व कुशल सञ्चालन में मुस्तैद रहे।यह भी बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण प्रधानमंत्री की अपील पर 14 अप्रैल तक देशभर में लॉक डाउन है । पूरे प्रदेश के गलियों व सड़को पर सन्नाटा पसरा हुआ है वही जिला प्रशासन नगर निगम व डॉक्टरों की तरह इस समय बिजली कर्मी भी कोरोना फाइटर की तरह भूमिका निभा रहे हैं। खास ये है कि बिजली कर्मी संसाधनों की कमी के बावजूद जोखिम उठा रहे हैं ताकि निर्बाध रूप से विद्युत का उत्पादन व सप्लाई हो सके और हम सब के घर बिजली से रोशन हो सके। इसके अलावा इन बिद्युत कर्मियों ने कोरोना वायरस के बचाव हेतु स्वेच्छा से मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना एक दिन का वेतन भी कटवाकर जमा कर दिया है।