Loksabha Election 2019 वादा खिलाफी की मार झेल रही प्राथमिक शिक्षा
पूर्वांचल के जिलों में कुछ प्राथमिक विद्यालयों को छोड़ दिया जाए तो अमूमन में बुनियादी ढांचा बेहतर है। मसलन भवन बिजली व पानी की व्यवस्था ठीक-ठाक है।
वाराणसी, [शक्तिशरण पंत]। बुनियादी सुविधाओं में शुमार शिक्षा की दशा व दिशा किसी से छिपी नहीं है। इसकी दुर्दशा के लिए कोई और नहीं बल्कि राजनीतिज्ञ ही मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। हर दल अपने घोषणा पत्र में शिक्षा के उन्नयन के लिए घोषणा तो करते हैं लेकिन, उस पर कितना अमल कर पाते हैं यह तो प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था खुद बयां करता हैं।
राजनीतिक दलों की वादाखिलाफी के कारण प्राथमिक शिक्षा की सूरत नहीं बदल पाई। कम से कम पूर्वांचल में हालात ऐसे ही हैं। शिक्षकों की कमी सबसे बड़ी समस्या है। प्राथमिक शिक्षा शुरुआती दहलीज पर ही दम तोडऩे लगी है। हालात अब ये है कि 40 बच्चों पर एक शिक्षक है।
पूर्वांचल के जिलों में कुछ प्राथमिक विद्यालयों को छोड़ दिया जाए तो अमूमन में बुनियादी ढांचा बेहतर है। मसलन भवन, बिजली व पानी की व्यवस्था ठीक-ठाक है। लेकिन स्कूलों में अध्यापकों की संख्या अधिकतर जिले में काफी कम है। यही से शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो जाती है। नौनिहालों की पढ़ाई-लिखाई का प्राथमिक स्तर ही चरमरा जाता है जो आगे घातक साबित होता है।
बतौर नजीर सबसे पहले हम वाराणसी को लेते हैं। यहां की प्राथमिक स्कूलों की व्यवस्था अन्य जिलों की तुलना में बेहतर है। बावजूद इसके कुछ विद्यालय संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे करीब 15 विद्यालय हैं, जहां के हेडमास्टर व्यक्तिगत प्रयास से बच्चों को संसाधन मुहैया करा रहे हैं।
वाराणसी
-प्राथमिक विद्यालय -1266 -अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय- 101
-शिक्षक- मानक के मुताबिक
- डेस्क-बेंच - 400 विद्यालयों में
-स्मार्ट क्लास- 27 विद्यालयों में
-वाटर प्यूरीफायर -175 विद्यालयों में
-कंप्यूटर - 50 विद्यालयों में
-सोलर आरओ- 339 स्कूलों में
-बिजली लगभग शत-प्रतिशत
-जर्जर कमरे- 154 विद्यालयों में
जौनपुर
-प्राथमिक विद्यालय-2176
-अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय-240
-तैनात सहायक अध्यापक-4479
-अध्यापकों का रिक्त पद-5462
-तैनात प्रधानाध्यापक-1513
-कंप्यूटर- 306 स्कूल
भदोही
प्राथमिक विद्यालय- 752
-अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय- 72
-शिक्षकों की तैनाती- 2500
-जर्जर विद्यालय- 36
-स्मार्ट विद्यालय- 12
बलिया
-प्राथमिक विद्यालय- 2048
-अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय-208
-शिक्षकों की जरूरत-5586
-तैनात शिक्षक - 1948
-प्रधानाध्यापकों की जरूरत- 1718
-तैनात प्रधानाध्यापक- 1659
-स्मार्ट क्लास- 25 प्राथमिक विद्यालयों में
-जर्जर प्राथमिक विद्यालय- 16
सोनभद्र
-प्राथमिक विद्यालय- 2464
-अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय-106
-शिक्षकों की जरूरत-4000
-तैनात शिक्षक-7667
-जर्जर विद्यालय- 64
-स्मार्ट विद्यालय- 20
आजमगढ़
-प्राथमिक विद्यालय- 2267
-अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय-256
-तैनात शिक्षक- 11000
-शिक्षकों की जरूरत- 0
-तैनात प्रधानाध्यापक- 1200
-प्रधानाध्यापकों की जरूरत- 1067
-जर्जर विद्यालय- 25
मीरजापुर
-प्राथमिक विद्यालय-1611
-अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय-188
-तैनात शिक्षक- 3600
-शिक्षकों की जरूरत- 6300
-तैनात प्रधानाध्यापक- 900
-प्रधानाध्यापक की जरूरत- 1868
-स्माट विद्यालय- 100
-जर्जर स्कूल- 26
मऊ
-प्राथमिक विद्यालय-1060
-अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय-110
-जर्जर विद्यालय- 04
-तैनात शिक्षक-4615
-शिक्षकों की कमी- 0
-स्मार्ट विद्यालय- 09
गाजीपुर
-प्राथमिक स्कूलों की संख्या-1853
-अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय-85
-तैनात शिक्षक- 8256
-शिक्षकों की कमी- 3500
-स्मार्ट विद्यालय-10
-जर्जर विद्यालय- 35
चंदौली
-प्राथमिक स्कूलों की संख्या - 993
-अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय-62
-तैनात शिक्षक- 4102
-शिक्षकों की जरूरत- 1500
-स्मार्ट विद्यालय- 62
-जर्जर विद्यालय- 12