लोकसभा चुनाव 2019 : सपा-बसपा गठबंधन व कांग्रेस में दमदार नेताओं के चेहरे गायब
2019 के लोकसभा चुनाव में समूचे पूर्वांचल से विपक्ष के दमदार चेहरे गायब हैं। बावजूद इसके भाजपा विरोधियों को कुछ उम्मीदें जगी हैं तो महज सपा-बसपा गठबंधन से।
वाराणसी [रत्नाकर दीक्षित]। 2019 के लोकसभा चुनाव में समूचे पूर्वांचल से विपक्ष के दमदार चेहरे गायब हैं। बावजूद इसके भाजपा विरोधियों को कुछ उम्मीदें जगी हैं तो महज सपा-बसपा गठबंधन से। सूबे में सपा-बसपा की जुगलबंदी और कांग्रेस की घेरेबंदी के चक्रव्यूह को मोदी किस फाटक पर तोड़ेंगे। लड़ाई अंतिम प्रवेश द्वार तक जाएगी या पहले, दूसरे व तीसरे तक ही सिमट जाएगी। अब महज इसी तथ्य पर लोगों की नजरें टिकी हैं।
2014 के लोक सभा चुनाव में जब पहली बार नरेंद्र मोदी ने बाबा सोमनाथ व बाबा विश्वनाथ के बीच तारतम्य जोड़ते हुए ललकारा था कि मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है। यह कह उन्होंने यहां से चुनावी महासमर में उतर ताल ठोंक दी थी। उस चुनाव में नरेंद्र मोदी की पूरे देश में लहर चल रही थी। वह जहां भी जाते मोदी-मोदी के नारे लगने लगते। काशी की गली-गली में भी नारा बुलंद था हर-हर मोदी, घर-घर मोदी। उनके सामने विपक्ष से कांगे्रस के अजय राय ही एकमात्र चेहरे थे। ऐसे में लोगों ने एकतरफा लड़ाई मान ली थी। लेकिन कुछ दिन बाद आम आदमी पार्टी ने बेदाग छवि के अरविंद केजरीवाल को मैदान में उतार दिया। बस यहीं चुनावी लड़ाई आमने-सामने की हो गई। दिल्ली, पंजाब व हरियाणा से आम आदमी के कार्यकर्ता यहां गली-गली में डेरा जमा लिए। लग रहा था कि चुनाव बराबरी पर है। ...लेकिन जैसे-जैसे मतदान तिथि निकट आती गई वैसे-वैसे यहां की जनता का रुझान मोदी की ओर होता गया। बाद में जो चुनाव परिणाम आया आम काशीवासियों के अनुरूप ही था। बावजूद इसके अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी को जमकर टक्कर दी थी।
इस बार भी मोदी की तुलना में विपक्ष का दमदार चेहरा गायब है। अभी तक एक भी ऐसे कद्दावर नेता का नाम सामने नहीं आया है जिससे कि लोगों को उम्मीद बंधे कि चुनावी जंग जोरदार होगी। वैसे-वैसे बीच-बीच में छुटभैय्यै कांग्रेसी प्रियंका गांधी का नाम उछालते रहते हैं। सपा-बसपा गठबंधन में वाराणसी संसदीय सीट समाजवादी पार्टी के खाते में है। फिलहाल अब विपक्ष का दमदार चेहरा नदारद है। देखना यह है कि विपक्ष क्या इस दफा भी कोई अरविंद केजरीवाल की हैसियत वाला ही मोदी का प्रतिद्वंद्वी उतारेगा या लड़ाई एकतरफा ही होगी। फिलहाल यह प्रश्न अभी नेपथ्य में है।
बदलते बनारस की बुलंद तस्वीर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में अब तक कुल 19 बार दौरा कर करीब अरबों की सौगात दी। कुछ योजनाओं ने मूर्तरूप धारण कर लिया तो कुछ धारण करने के कगार पर हैं।
स्वच्छता अभियान से कारिडोर तक : पीएम नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले बनारस में झाड़ू उठाया था और स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत मिशन को गति दी थी। अंतिम बार उन्होंने कारिडोर शिलान्यास के लिए फावड़ा उठाया जो कुछ ही दिन में पूर्ण कर दिया जाएगा।