Move to Jagran APP

लोकसभा चुनाव में सुभासपा की प्रतिष्ठा लगी दांव पर, सुभासपा 22 सीटों पर आकर सिमटी

80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लडऩे का दावा करने वाली सुभासपा 22 सीटों पर आकर सिमट गई जबकि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने 39 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी।

By Vandana SinghEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 07:17 PM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 11:59 AM (IST)
लोकसभा चुनाव में सुभासपा की प्रतिष्ठा लगी दांव पर, सुभासपा 22 सीटों पर आकर सिमटी
लोकसभा चुनाव में सुभासपा की प्रतिष्ठा लगी दांव पर, सुभासपा 22 सीटों पर आकर सिमटी

वाराणसी, जेएनएन। एनडीए गठबंधन से अलग हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का लोकसभा चुनाव में प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लडऩे का दावा करने वाली सुभासपा 22 सीटों पर आकर सिमट गई जबकि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने 39 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी। कई प्रत्याशियों ने चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया तो कई का नामांकन फार्म अपूर्ण रहने के चलते निर्वाचन आयोग ने खारिज कर दिया। 22 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे सुभासपा प्रत्याशियों को कितना वोट मिलेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

loksabha election banner

एनडीए में भाजपा के साथ सुभासपा ने विधानसभा चुनाव में चार सीटों पर विजय हासिल की। उसमें पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर भी शामिल हैं। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री होने के बाद भी ओमप्रकाश राजभर भाजपा पर हमला बोलते रहे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्रनाथ पांडेय समेत कई मंत्रियों ने उन्हें नसीहत देने के साथ चेतावनी तक दे डाली। पलटवार करने से ओमप्रकाश भी पीछे नहीं रहे, यही कारण रहा कि भाजपा से उनकी दूरियां बढ़ती गई। लोकसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर भाजपा से पांच सीट मछलीशहर, अंबेडकर नगर, चंदौली, लालगंज और घोसी की मांग करते रहे। बाद में अंबेडकर नगर और घोसी लोकसभा सीट पर अड़े रहे। अंत में पार्टी ने ओमप्रकाश राजभर को घोसी लोकसभा सीट से भाजपा के सिंबल पर चुनाव लडऩे को कहा लेकिन बात नहीं बनी। नाराज ओमप्रकाश ने एनडीओ को दरकिनार करते हुए 80 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी। सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद्र राजभर ने 39 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दी। घोषित 39 प्रत्याशियों में कई ने चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया तो कई का नामांकन फार्म अपूर्ण होने पर खारिज हो गया। फिलहाल 22 लोकसभा सीटों पर सुभासपा के प्रत्याशी चुनाव लड़ रही है लेकिन उनकी स्थिति बहुत ठीक नजर नहीं आ रही है। गठबंधन खत्म होने के साथ सुभासपा के कई नेता दूसरी पार्टी में अपनी मंजिल तलाश रहे हैं।

समाज को रोक पाएंगे ओमप्रकाश

सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर समाज का रहनुमा होने के साथ उनके विकास के लिए संघर्ष करने का दावा करते हैं। राजभर के वोट के बल पर उन्हें एनडीए में शामिल किया गया था। एनडीए से अलग होने के बाद ओमप्रकाश राजभर क्या अपने समाज के वोट को भाजपा में जाने से रोके पाएंगे, क्या राजभर समाज उनके साथ रहेगा। क्योंकि योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर भी अपने को राजभर समाज का रहनुमा होने का दावा करते हैं।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.