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Locusts Attack : सोनभद्र के कई गांवों में टिड्डियों का आतंक, कद्दू व मूंग की फसल किया बर्बाद

Locusts Attack राजस्थान के रास्ते मध्य प्रदेश होते हुए टिड्डियों का दल सोनभद्र में आया है। इनका आतंक घोरावल ब्लाक के आधा दर्जन से अधिक गांवों में देखा गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 08:45 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 12:25 AM (IST)
Locusts Attack : सोनभद्र के कई गांवों में टिड्डियों का आतंक, कद्दू व मूंग की फसल किया बर्बाद
Locusts Attack : सोनभद्र के कई गांवों में टिड्डियों का आतंक, कद्दू व मूंग की फसल किया बर्बाद

सोनभद्र, जेएनएन। पाकिस्तान की ओर से राजस्थान के रास्ते मध्य प्रदेश होते हुए टिड्डियों का दल जिले में आया है। इनका आतंक घोरावल ब्लाक के आधा दर्जन से अधिक गांवों में देखा गया। किसानों की सूचना पर पहुंची कृषि विभाग की टीम ने बुधवार की रात में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया। जिला प्रशासन की तरफ से टिड्डी से बचाव के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।

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जनपद के घोरावल ब्लाक के करमा, बहेरा, ऐलाही, सिरसिया ठकुराई, पगिया, रानीतारा एवं मुकरसिम गांवों में टिड्डी का दल सुबह के समय भी दिखाई दिया था। ग्रामीणों ने ढोल, थाली एवं पटाखों की आवाज व कीटनाशक दवाओं का प्रयोग कर उन्हें भगा दिया गया। उप कृषि निदेशक डीके गुप्ता ने बताया कि रात में बिमौरी गांव में टिड्डी के प्रकोप को समाप्त करने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया गया। इसके अलावा गुरुवार की सुबह करमा, बहेरा, ऐलाही, सिरसिया ठकुराई, पगिया, रानीतारा एवं मुकरसिम गांव का निरीक्षण कर किसानों को टिड्डी से बचाव के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि सभी गांवों को मिलाकर टिड्डी के दल ने दो हेक्टेयर कद्दू, एक एकड़ मूंग, कुछ सब्जियों व चरी को नुकसान पहुंचाया है। इस मौके पर कृषि अधिकारी पीयूष राय के साथ विभाग के अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।

रात के समय टिड्डी फसलों को करते हैं नुकसान

उप कृषि निदेशक डीके गुप्ता ने बताया कि टिड्डी का दल दिन में पेड़ों या फिर इधर-उधर भ्रमण करते हैं। रात के समय सुनसान होने पर टिड्डी का झुंड खेतों में उतरता है और फसलों को चट कर जाता है। रात के समय ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करके इनको मारा जा सकता है।

टिन, डिब्बा, ढोल बजाकर करें बचाव

उप कृषि निदेशक डीके गुप्ता ने बताया कि टिड्डी के प्रकोप की दशा में एक साथ एकत्र होकर टिन के डिब्बे, थालियां आदि बजाते हुए शोर मचाएं। साथ ही खेतों की मेढ़ पर कूड़ा एकत्र कर धुआं करें। शोर व धुएं से टिड्डी दल आसपास के खेतों में आक्रमण नहीं कर पाएंगे। कहा कि टीम गांवों में जाकर किसानों से बात कर रही है कि अगर किसी भी किसान के खेत में टिड्डी दल दिखई दे, तो तत्काल वे ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों के माध्यम से जिला प्रशासन व कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचना दें।

बलुई मिट्टी टिड्डी के लिए अनुकूल

कृषि अधिकारियों द्वारा किसानों को बताया जा रहा है कि बलुई मिट्टी टिड्डी के प्रजनन एवं अंडे देने के लिए सर्वाधिक अनुकूल होती है। ऐसे खेतों में जुताई करवा दें एवं खेत में पानी भरवा दें। ऐसी दशा में टिड्डी के विकास की संभावना कम हो जाती है।

टिड्डी से बचाव के लिए कंट्रोल रूम स्थापित

सोनभद्र में टिड्डी दल के प्रकोप को रोकने के लिए जनपद स्तर पर टिड्डी नियंत्रण आपदा राहत दल का गठन जिलाधिकारी एस राजलिगंम ने कर दिया है। आपदा राहत दल के अध्यक्ष मुख्य विकास अधिकारी, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी व सदस्य/सचिव जिला कृषि रक्षा अधिकारी को बनाया गया है। टिड्डी प्रकोप से सम्बन्धित जानकारी के लिए जिला कृषि अधिकारी के मोबाइल नम्बर-6394944133 को कन्ट्रोल रूम के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। डीएम ने जिले के नागरिकों से अपील किया है कि टिड्डी दल के आने आदि के सम्बन्ध में तत्काल टिड्डी दल नियंत्रण जिला कन्ट्रोल रूम के सम्पर्क नम्बर-6394944133 पर जानकारी दे सकते है। 


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