Lockdown in Varanasi कोरोना से एक तो टीबी से 12 मौतें, हार्ट अटैक समेत अन्य बीमारियों से मौतें अधिक
वाराणसी में लॉकडाउन में कोरोना से एक तो टीबी से 12 मौतें हार्ट अटैक समेत लिवर किडनी कैंसर जैसी बीमारियों से अधिक मौत हुई हैं।
वाराणसी, जेएनएन। पूरी दुनिया में मौत का सौदागर बने कोरोना को बनारस ने जागरूकता से मात दिया है। घनी आबादी वाला इलाका व संकरी गलियों में हुए ढांचागत विकास के बाद भी यहां कोरोना से मौत का आंकड़ा एक के पार नहीं जा सका है जबकि अन्य बीमारियों से तुलना करें तो इस लॉकडाउन की अवधि में सिर्फ टीबी (क्षय रोग) से ही 12 से अधिक की मौत हो गई।
रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री राजकीय अस्पताल में कुल 15 की मौत हुई जिसमें 12 टीबी के थे। ऐसे ही घटना व दुर्घटना से हुई मौतों का हिसाब करें तो 20 से अधिक लोगों की जान गई है। इसमें छह लोगों ने आत्म हत्या की है तो चौबेपुर थाना क्षेत्र के सोनबरसा में दो सफाई कर्मियों समेत छह लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई है। दो लोगों की आपसी रंजिश में हुई मारपीट के दौरान मौत हुई है तो रामनगर व चौबेपुर में दो लोगों की गंगा में डूबने से मौत हुई। कपसेठी थाना क्षेत्र के तिलवार में जनक यादव की मौत आकाशीय बिजली से हुई है। चिरईगांव के सोनबरसा में एक महिला मिट्टी के ढूहे में दब जाने से जान चली गई। चौबेपुर में एक अधेड़ की मौत गैस वेल्डिंग की टंकी फटने से मौत हुई। वहीं लॉकडाउन में हुई मौतों को देखें तो करीब 502 लोगों की मौत हुई। इसमें टीबी के अलावा हार्ट, किडनी, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के अलावा स्वभाविक मौत का आंकड़ा भी शामिल है।
...तो कोरोना से नहीं होंगी मौतें
कोरोना से अब तक एक मौत हुई है जबकि बीमारों की संख्या 77 के पार जा चुकी है। इसमें 22 लोग स्वस्थ हुए हैं। कोरोना से जान गंवाने गंगापुर नगर पंचायत निवासी कपड़ा व्यवसायी थे जो व्यवसाय के संबंध में कोलकता से लौटे थे। यह आंकड़ा बता रहा है कि कोरोना को लेकर जागरूकता ऐसे ही बनी रही तो एक दिन बनारस विजय प्राप्त कर लेगा। इसके लिए शारीरिक दूरी, हाथ के अलावा पूरे शरीर की सफाई, घरों से कम निकलना, दूर से बात करना, खान-पान पर ध्यान आदि प्रमुख हैं।
डेढ़ माह में ब्लाक व नगर में मौतें
-हरहुआ : 24
-पिंडरा : 26
-आराजीलाइन : 29
-चोलापुर : 22
-काशी विद्यापीठ : 23
-चिरईगांव : 23
-बड़ागांव : 20
-सेवापुरी : 21
(नोट : ये आंकड़े ग्राम सचिवों से लिए गए हैं)
महाश्मशान पर हुए शवदाह
-मणिकर्णिका : 315
-हरिश्चंद्र : 201