Move to Jagran APP

Lockdown Crisis खेती न किसानी, कैसे मिलेगा दाना-पानी, अब तो जाना ही पड़ेगा परदेस

कोरोना ने वाराणसी के ककरहिया निवासी चंद्रमा के खुशहाल जीवन पर ग्रहण लगा दिया है। इनके जैसे कई लोग है जो वापस घर तो लौट आए लेकिन अब दो वक्‍त रोटी के लिए तरस रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 11:45 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 05:36 PM (IST)
Lockdown Crisis खेती न किसानी, कैसे मिलेगा दाना-पानी, अब तो जाना ही पड़ेगा परदेस
Lockdown Crisis खेती न किसानी, कैसे मिलेगा दाना-पानी, अब तो जाना ही पड़ेगा परदेस

वाराणसी, जेएनएन। अभी दो माह पहले की तो बात है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांसद आदर्श गांव ककरहिया निवासी चंद्रमा के जीवन में खुशियां तमाम थीं। वह गुजरात के एक पावरलूम कंपनी में काम करते थे और यहां घर पर रहने वाला पूरा परिवार खुशहाल था। सभी का पेट भरते थे तो बच्चे भी स्कूल जाते थे लेकिन कोरोना ने चंद्रमा के खुशहाल जीवन पर ग्रहण लगा दिया।

loksabha election banner

लॉकडाउन में कंपनी बंद हुई तो चंद्रमा की कमाई भी रुक गई। भूखों मरने से बेहतर घर लौटना उचित समझा और सात मई को यहां आ गए लेकिन उन्हें जरा भी भान न था कि अपने देश में दो वक्त की रोटी भी मुहाल हो जाएगी। क्योंकि, उनके गांव में टूटा-फूटा घर तो है लेकिन खेती-किसानी के लिए नहीं है एक इंच जमीन। सोचे थे कि दूसरों की खेत में किसानी कर उत्पाद के आधे हिस्से की शर्त पर अनाज का इंतजाम कर लेंगे लेकिन सोच साकार नहीं हो सकी। एक वाराणसी में किसानों के पास कम जोत होने और अमूमन हर घर में बाहर से लोगों के लौट आने से यह भी मंशा पूर्ण नहीं हो सकी। वहीं, पावरलूम में काम करने वाले हाथ मनरेगा में मजदूरी कर फावड़ा चलाने में असमर्थ महसूस हो रहे हैं।

बीमार माता-पिता को चाहिए दवा

चंद्रमा पढ़े-लिखे नहीं हैं। ऐसे में काम मिलना संभव नहीं हो रहा। वहीं, माता-पिता वृद्ध हो चले हैं और बीमार रहते हैं। लिहाजा, दो वक्त की रोटी के इंतजाम संग माता-पिता की दवा कहां से लाएं। दुश्वारियों के तमाम थपेड़ों को सहन करता चंद्रमा अब टूट गया है। परदेस से वह घर तो आ गया लेकिन उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें। तय किया है कि कुछ दिन घर पर ही काटेंगे। फिर, गुजरात लौटकर पुरानी नौकरी को पकड़ लेंगे ताकि परिवार का पेट भरने, दवा आदि का इंतजाम हो सके।

जल्द ही लौट जाएंगे मुंबई

वहीं, हरहुआ ब्लाक के मोहनपुर ग्राम पंचायत में लालजी पटेल तीन भाई हैं। इनके पास कुल 15 बिस्वा जमीन थी जिसमें दो बिस्वा आबादी की है जिस पर दो कमरे बने हैं। परिवार के साथ मुंबई रहकर पावरलूम चलाते हैं। दो बेटियों में एक की शादी कर दी है जबकि दूसरे की करनी है। लॉकडाउन में काम बंद हुआ तो सभी घर पर आ गए हैं। किसी तरह दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो रहा है। परेशान लालजी अब मुंबई लौटना चाहते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.