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चुनावी दंगल में बैलेट के लिए चलेगी बुलेट

वाराणसी : नगर निगम का चुनाव पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनने जा रहा है जिसका एक सप्ताह पूर्व तक

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Oct 2017 02:16 AM (IST)Updated: Mon, 23 Oct 2017 02:16 AM (IST)
चुनावी दंगल में बैलेट के लिए चलेगी बुलेट
चुनावी दंगल में बैलेट के लिए चलेगी बुलेट

वाराणसी : नगर निगम का चुनाव पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनने जा रहा है जिसका एक सप्ताह पूर्व तक तनिक भी अंदाजा नहीं था। आरक्षण सूची जारी होने के साथ ही जरायम की दुनिया सक्रिय हो गई है। एक दर्जन से अधिक सीटों पर अपराधी खुद या अपने परिवार के किसी सदस्य को चुनावी दंगल में उतारने की तैयारी में है। सफेदपोश माफिया से लेकर क्राइम मैनेजमेंट कंपनी के लोग उन सभी वार्डो के प्रत्याशियों पर नजर बनाए हैं जो उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है।

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वाराणसी में नगर निगम पर पूर्वाचल के तमाम माफिया गैंग्स के साथ ही सफेदपोश की नजर होती है। नगर निगम पर जरायम की दुनिया का काला धब्बा पहले से ही लगा है। अब तक नौ पार्षदों की हत्या तक हो चुकी है। जिन पार्षदों की हत्या हुई, वे या तो जरायम की दुनिया से जुड़े रहे या फिर अपराधियों के रास्ते में आए थे।

वर्तमान में नदेसर और राजा बाजार सर्वाधिक संवेदनशील सीट हो गई है। नदेसर से चुनाव लड़ने का मन में मंसूबा पाले कुख्यात राजकुमार बिंद उर्फ गुड्डू मामा ने सपा नेता व पार्षद विजय जायसवाल को रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी। बीते 16 अक्टूबर की रात विजय जायसवाल की हत्या की नीयत से मामा ने इनामी बदमाश आबिद के साथ मिंट हाउस इलाके में अंधाधुंध गोलियां चलाई थी। फाय¨रग में विजय के कर्मचारी का भाई श्रवण मारा गया। फिलहाल मामा और आबिद जेल में हैं। सूत्रों के अनुसार अब वह जेल से ही चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

खुफिया रिपोर्ट बताती है कि डिप्टी जेलर हत्याकांड में पकड़ा जा चुका शातिर भी राजमंदिर वार्ड से निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी में है। उधर, दालमंडी वार्ड को लेकर भी कई शातिर अपराधी से चुनाव लड़ने का दंभ भर रहे हैं तो दूसरी तरफ सफेदपोश अपना गुर्गा फिट करने की जुगाड़ में हैं। इस वार्ड से पार्षद अरशद खान उर्फ विक्की को बीते साल ही गोली मारी गई थी। विक्की खान पर सोनभद्र में कुख्यात हैदर अली की हत्या का आरोप है। इस मामले में वह नामजद भी है। दालमंडी में चल रही वर्चस्व की लड़ाई में एक बार फिर कोई खूनी खेल हो सकता है।

रामापुरा वार्ड के पार्षद रहे चर्चित शिव सेठ की हत्या के बाद उसके भाई सोनू सेठ को जनता ने जीताकर पार्षद तो बना दिया लेकिन खौफ के चलते वह वाराणसी कम रहते। सूत्रों के अनुसार इस बार भी दिवंगत शिव सेठ के परिवार से कोई चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है।

ये पार्षद गंवा चुके हैं अपनी जान -

पानदरीबा के पार्षद रहे बंशी यादव, शिव सेठ रामापुरा, मुरारी यादव हड़हासराय, मंगल प्रजापति सरायनंदन, रामापुरा से विजय वर्मा, बेनिया से कमाल अंसारी, मुकीमगंज से अनिल यादव मंटू।


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