वाराणसी में सोने के फर्जी शुद्धता प्रमाण पत्र पर ले लिया बैंक से लोन, 12 लोगों के खिलाफ एफआइआर
नकली गहनों का फर्जी शुद्धता प्रमाण पत्र बनवा कर गोल्ड लोन लेने का मामला सामने आया है। इस मामले में केनरा बैंक की अर्दली बाजार शाखा के प्रबंधक ने बुधवार रात कैंट थाने में दर्जन भर लोगो पर मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। नकली गहनों का फर्जी शुद्धता प्रमाण पत्र बनवा कर गोल्ड लोन लेने का मामला सामने आया है। इस मामले में केनरा बैंक की अर्दली बाजार शाखा के प्रबंधक ने बुधवार रात कैंट थाने में दर्जन भर लोगो पर मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
बैंक मैनेजर कुंवर रामपाल सिंह द्वारा दी गई तहरीर के अनुसार बैंक द्वारा स्वर्ण ऋण योजना के तहत सोना बंधक के रूप में जमा कर लोन दिया जाता है। बंधक रखने के पूर्व जमा किए जाने वाले स्वर्ण की शुद्धता की जांच बैंक द्वारा अनुमोदित स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता द्वारा कराई जाती है। आरोप है कि स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता आदमपुर थानांतर्गत प्रह्लादघाट निवासी रवींद्र प्रकाश सेठ ने बैंक को गुमराह करते हुए एक दर्जन लोगों के गोल्ड लोन के लिए फर्जी प्रमाण पत्र जारी किया, जबकि सभी आभूषण नकली थे। गत दो अगस्त को जब आभूषणों का पुनर्मूल्यांकन किया गया तो सच्चाई का पता चला। जांच के दौरान पाया गया कि सभी लोन लेने वालों ने अपने खाते से खालिसपुरा निवासी प्रतीक रस्तोगी के खाते में कुछ न कुछ धनराशि ट्रांसफर की है। इस आधार पर पाया गया कि सभी लोन लेने वालों को प्रतीक व रवींद्र ने साजिशन लोन कराया है। मामले में कैंट पुलिस ने प्रतीक व रवींद्र सहित सागर मौर्या, शिवनारायण यादव, राजेश मेहता, अंकुर अग्रवाल, श्वेता झावेरी, दीपा, नेहा श्रीवास्तव, लक्ष्मण सिंह, रवींद्र कुमार, सूरज बिंद के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचना, जालसाजी व साजिश रचने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।