वाराणसी में रेयर ब्लड ग्रुप रक्तदाताओं की बनेगी सूची, वेबसाइट पर उपलब्ध होगा डाटा
Rare Blood Group मौसमी बीमारियों की गिरफ्त में समूचा शहर है। शायद ही किसी घर में बीमारियों ने दस्तक न दी हो। कोरोना की दूसरी लहर और अब मौसमी बीमारियों में ब्लड की मांग तो बढ़ी लेकिन उसके सापेक्ष स्वैच्छिक रक्तदाता कम आए।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। डेंगू के साथ ही मौसमी बीमारियों की गिरफ्त में समूचा शहर है। शायद ही किसी घर में बीमारियों ने दस्तक न दी हो। कोरोना की दूसरी लहर और अब मौसमी बीमारियों में ब्लड की मांग तो बढ़ी, लेकिन उसके सापेक्ष स्वैच्छिक रक्तदाता कम आए। इसके चलते इन दिनों न केवल ब्लड की बल्कि प्लेटलेट्स की किल्लत हो गई है। सबसे अधिक दिक्कत रेयर ब्लड ग्रुप एवं निगेटिव ब्लड ग्रुप वालों को हो रही है। तीमारदार एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल की दौड़ लगा रहे हैं। इस परेशानी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अब रेयर एवं निगेटिव ब्लड ग्रुप वालों की सूची आनलाइन करने जा रहा है, ताकि समय पर जरूरतमंद मरीजों की जान बचाई जा सके।
फरवरी-मार्च 2021 में भी ब्लड को लेकर कुछ इसी तरह की दिक्कत हुई थी। उस समय जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की पहल पर 40 से अधिक संस्थाओं के सहयोग से स्वैच्छिक रक्तदान महाभियान की शुरूआत की गई। मगर दूसरी लहर के चलते इस पर ब्रेक लग गया था। एसीएमओ डा. संजय राय के मुताबिक वर्तमान जरूरतों को देखते हुए इस योजना को फिर से शुरू करने की कवायद की जा रही है। स्वैच्छिक रक्तदाता संस्थाओं व स्वैच्छिक रक्तदाताओं की सूची बनाई जा रही है, जिसमें रक्तदाताओं का नाम, पता व मोबाईल नंबर दर्ज किया जा रहा है। वहीं निगेटिव ब्लड ग्रुप व रेयर ब्लड ग्रुप की एक अलग सूची भी तैयार की जा रही है। जल्द ही दोनों सूची आनलाइन अपलोड कर दी जाएगी। इससे लोगों को बेवजह ब्लड बैंकों का चक्कर नहीं लगाना होगा और सही ब्लड ग्रुप का रक्त मिलने से मरीजों की जान बचाई जा सकेगी।
बोले अधिकारी : स्वैच्छिक रक्तदाओं के कम पहुंचने से ब्लड बैंकों के कोष धीरे-धीरे खाली हो रहे हैं। जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सभी का फर्ज है कि आगे बढ़ें और रक्तदान करें, ताकि बीमारों-घायलों की जान बचाई जा सके। - डा. संजय राय, एसीएमओ व सचिव-रेडक्रास सोसाइटी वाराणसी।
फैक्टर एक्सपायरी अवधि
होल ब्लड 28 दिन
प्लाज्मा एक वर्ष
प्लेटलेट पांच दिन
जनपद के ब्लड बैंकों पर एक नजर
बीएचयू ब्लड बैंक :
क्षमता- 2000 यूनिट
उपलब्धता पहले- 1800 यूनिट
उपलब्धता अब- 1200 यूनिट
प्लेटलेट्स- 35 यूनिट
आइएमए ब्लड बैंक :
क्षमता- 3000 यूनिट
उपलब्धता पहले- 1400 यूनिट
उपलब्धता अब- 650 यूनिट
प्लेटलेट्स- 25 यूनिट
मंडलीय अस्पताल ब्लड बैंक :
क्षमता- 250 यूनिट
उपलब्धता पहले- 150 यूनिट
उपलब्धता अब- 80 यूनिट
प्लेटलेट्स- 20 यूनिट
डीडीयू ब्लड बैंक :
क्षमता-300 यूनिट
उपलब्धता पहले- 150 यूनिट
उपलब्धता अब- 125 यूनिट
प्लेटलेट्स-20 यूनिट