एसआइटी को सौंपी 315 अध्यापकों की सूची, वाराणसी जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय ने विवरण कराया उपलब्ध
बीएसए ने संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारी 315 अध्यापकों की सूची एसआइटी को सौंप दी है। यह अध्यापक जिले के विभिन्न ब्लाकों में तैनात है।
वाराणसी, जेएनएन। फर्जीवाड़े की जांच कर रही विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) जहां एक ओर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय पर अंकपत्रों का दबाव बना रहा है। वहीं दूसरी ओर बेसिक शिक्षा विभाग से संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारी शिक्षकों की सूची तलब की है। बीएसए ने संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारी 315 अध्यापकों की सूची एसआइटी को सौंप दी है। यह अध्यापक जिले के विभिन्न ब्लाकों में तैनात है।
जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय ने संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारी अध्यापकों का नाम, पिता का नाम, स्थायी व स्थानीय पता, नियुक्ति का वर्ष, अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों की छायाप्रति व सत्यापन रिपोर्ट सहित अन्य विवरण एसआइटी को भी सौंपा है। दरअसल कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की तथाकथित शिक्षिका अनामिका शुक्ला की नियुक्ति के प्रकरण को लेकर शासन गंभीर है। वहीं शासन की मंशा को देखते हुए एसआइटी ने भी जांच तेज कर दी है। इस क्रम में बयान दर्ज कराने के लिए एसआइटी ने जहां संस्कृत विश्वविद्यालय के आधा दर्जन कर्मचारियों को लखनऊ बुलाया है। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्त संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारी अध्यापकों की पत्रावली भी खंगाल रही है। विश्वविद्यालय द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग को पहले भेंजे गए सत्यापन रिपोर्ट व अब दोबारा भेजे जा रहे सत्यापन रिपोर्ट से एसआइटी मिलान कर रही है। ऐसे में विश्वविद्यालय के डिग्रीधारक कुछ शिक्षकों से भी पूछताछ की संभावना जताई जा रही है। बहरहाल सत्यापन रिपोर्ट की विसंगतियों को लेकर एसआइटी विश्वविद्यालय को घेरने में जुटी हुई है।
फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों की छुट्टी तय
शासन के सख्त तेवर को देखते हुए फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों की छुट्टी तय मानी जा रही है। बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह सभी जनपदों के बीएसए से ऐसे शिक्षकों को चिन्हित सेवा समाप्त करने का निर्देश दे चुके हैं। इसे देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने एसआइटी की रिपोर्ट पर हाल में ही डा. भीम राव आंबेडकर आगरा विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों को बर्खास्त किया है। बनारस में भी चार शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं। यही नहीं बीएसए राकेश सिंह के निर्देश पर उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा चुकी है। बर्खास्त शिक्षकों से वेतन की वसूली की भी कार्रवाई की जा रही है।