प्रेमी-प्रेमिका को आजीवन कारावास, प्रेम-संबंध में बाधक बने पति की पत्नी ने कराई थी हत्या
प्रेम संबंध में बाधक बनने पर प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या कराने के मामले में सोमवार को विशेष न्यायाधीश की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई।
वाराणसी, जेएनएन। प्रेम संबंध में बाधक बनने पर प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या कराने के मामले में सोमवार को विशेष न्यायाधीश अवनीश नारायण पांडेय की अदालत ने मृतक की पत्नी अभियुक्ता शशिकला उर्फ बबली तथा उसके प्रेमी शोभनाथ मुखर्जी को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों को दस-दस हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है। अदालत में अभियोजन पक्ष की पैरवी एडीजीसी रोहित मौर्य ने की।
अभियोजन पक्ष के अनुसार नवाबगंज निवासी गोपाल यादव आठ जुलाई 2011 को रात्रि साढ़े नौ बजे दुर्गाकुंड मंदिर में दर्शनकर अपने घर जा रहा था तभी बदमाशों ने उसे गोली मार दी। बीएचयू अस्पताल में 18 जुलाई की मौत हो गई। घटना की विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि घटना से १२ साल पूर्व गोपाल यादव ने शशिकला गुप्ता से प्रेम विवाह किया था। शादी बाद गोपाल परिवार लेकर नवाबगंज स्थित ससुराल में रहने लगा। दोनों से उसे दो बच्चे भी हुए। इस दौरान शशिकला का परिचय गणेश महाल, बंगाली टोला मोहल्ला निवासी अभियुक्त शोभनाथ मुखर्जी उर्फ राहुल से हुआ।
दोनों की निकटता बढ़ने पर गोपाल जब आपत्ति जताने लगा तो पत्नी से विवाद होने लगा। बाद में घटना से एक माह पूर्व शशिकला ककरमत्ता क्षेत्र में शोभनाथ मुखर्जी के साथ पति-पत्नी के तौर पर किराये के मकान में रहने लगे। गोपाल द्वारा आपत्ति करने पर शशिकला और शोभनाथ मुखर्जी ने उसे रास्ते से हटाने की साज़िश रचा। दोनों ने गोपाल की हत्या के लिए शातिर रईस अहमद को सुपारी दी थी। गोपाल यादव आटो चलाकर जीवकोपार्जन करता था। अदालत ने परिस्थिति जन्य साक्ष्यों तथा गवाहों के बयान के आधार पर दोषी पाते हुए दोनों को दंडित किया।