मऊ में मुख्तार अंसारी गिरोह के तीन ठेकेदारों का लाइसेंस निरस्त, गलत तथ्यों के आधार पर लिया लाइसेंस
गलत तथ्यों के आधार पर ठेकेदारी का लाइसेंस प्राप्त किए तीन ठेकेदारों का लाइसेंस जिलाधिकारी ने मंगलवार को निरस्त कर दिया। मुख्तार अंसारी गिरोह के भू-माफिया मछली माफिया अवैध स्लाटर हाउस संचालक कोल माफिया आदि पर लगातार कार्रवाई प्रशासन कर रहा है।
मऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अपराधियों के विरुद्ध छेड़े गए अभियान के तहत कार्रवाई का कारवां लगातार चलता ही जा रहा है। आए दिन जनपद में मुख्तार अंसारी गिरोह के भू-माफिया, मछली माफिया, अवैध स्लाटर हाउस संचालक, कोल माफिया आदि पर लगातार कार्रवाई प्रशासन कर रहा है। अब प्रशासन ने विधायक के गिरोह से जुड़े ठेकेदारों को निशाने पर लिया है। इसी के तहत गलत तथ्यों के आधार पर ठेकेदारी का लाइसेंस प्राप्त किए तीन ठेकेदारों का लाइसेंस जिलाधिकारी ने मंगलवार को निरस्त कर दिया।
नगर कोतवाली के भीटी निवासी कमला सिंह को ठीकेदारी का लाइसेंस 18 अक्टूबर 2019 को जारी हुआ था। लाइसेंस प्राप्त करने समय कमला सिंह ने शपथ पत्र में अपने पुत्र का आपराधिक इतिहास नहीं दर्शाया था, जबकि कमला सिंह के पुत्र जयप्रकाश सिंह के विरुद्ध कई अभियोग पंजीकृत है। जांच में पाया गया कि कमला सिंह की उम्र 60 वर्ष के करीब है, उनके नाम पर उनका पुत्र ठीकेदारी करता है। कोतवाली के भीटी निवासी माया सिंह पत्नी हजारी सिंह का भी लाइसेंस 12 दिसंबर 2017 को प्राप्त हो गया था। प्रार्थना पत्र देते समय माया ङ्क्षसह ने अपने सगे-संबंधियों पर आपराधिक मुकदमे न होने की बात की थी जबकि उनके पति के विरुद्ध कोतवाली व थाना सरायलखंसी में कुल 06 मुकदमे पंजीकृत हैं तथा वह अपनी पत्नी के नाम पर लाइसेंस बनाकर खुद ठीकेदारी करता है। साथ ही सरायलखंसी थाना क्षेत्र के आदेडीह निवासी बृजनाथ सिंह को लाइसेंस 8 मार्च 2018 को जारी हुआ था। जांच के दौरान पाया गया कि बृजनाथ सिंह के द्वारा ठीकेदारी का कार्य न करके उनके पुत्र हजारी सिंह के द्वारा किया जाता है जबकि हजारी सिंह पर कोतवाली व थाना सरायलखंसी में कुल 6 मुकदमे पंजीकृत दर्ज हैं।
हजारी का नाम मुख्तार से जुडऩे पर लोग अचंभित
सपा के जिला उपाध्यक्ष हजारी सिंह का नाम मुख्तार अंसारी से जुडऩे पर बुधवार को लोग आश्चर्यचकित होते देखे गए। लोगों का कहना था कि हजारी के विरुद्ध चाहे भले ही आपराधिक मुकदमे हों और गुंडा एक्ट की कार्रवाई हो चुकी हो लेकिन कभी उनका नाम विधायक गैंग के साथ नहीं सुना गया था। बल्कि वर्ष 2003 में जब ठेकेदारों पर मुख्तार के गुर्गों का कहर टूटा था तो हजारी ङ्क्षसह ने ठेकेदारों को दौड़ा रहे गुर्गों को ललकारा था। इस संबंध में अब पुलिस की जांच में उनके विरुद्ध चाहे जो इनपुट हो, लेकिन उनका नाम विधायक के गैंग से जुडऩे से लोगों को आश्चर्य ही हुआ।