20 हजार घूस लेते रंगेहाथ धराया लेखपाल, काश्तकार से नाम परिवर्तन के लिए मांगी थी रिश्वत
20 हजार रुपये की रिश्वत लेते लेखपाल को भ्रष्टाचार निवारण संगठन की वाराणसी ईकाई के दस्ते ने बुधवार को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
जौनपुर, जेएनएन। राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की एक कड़ी बुधवार को सामने आयी। जहां एक काश्तकार से भूमि संपत्ति अभिलेख में नाम परिवर्तन के लिए 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते लेखपाल को भ्रष्टाचार निवारण संगठन की वाराणसी ईकाई के दस्ते ने बुधवार को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। शहर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराने के बाद लिखा-पढ़ी कर दस्ता अदालत में पेशी के लिए देरशाम लेखपाल को साथ लेकर वाराणसी चला गया।
बक्शा थाना क्षेत्र के मई गांव निवासी भरत लाल की जमीन पर किसी और का नाम दर्ज हो गया था। भरत लाल ने नाम परिवर्तन के लिए उपजिलाधिकारी न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था। पैरवी करने के दौरान भरत लाल का निधन हो जाने पर उनके पुत्र सोनू कुमार गोसाईं ने नाम परिवर्तन के लिए तहसील का चक्कर काटना शुरू कर दिया। एसडीएम का आदेश होने के बाद हल्का लेखपाल ओम प्रकाश यादव निवासी कुत्तूपुर थाना सरायख्वाजा बार-बार दौड़ाने लगा। आरोप है कि उसने नाम परिवर्तन के लिए सुविधा शुल्क के तौर पर 20 हजार रुपये की मांग की। सोनू कुमार गोसाईं ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन की वाराणसी ईकाई में इसकी शिकायत की। इस पर ईकाई ने लेखपाल को रंगेहाथ पकडऩे की योजना बनाई गई। सोनू को रसायन लगे 20 हजार रुपये दिए गए। योजना के मुताबिक निरीक्षक संतोष कुमार दीक्षित के नेतृत्व में भ्रष्टाचार निवारण संगठन का दस्ता बुधवार को जौनपुर आया। सोनू ने लेखपाल ओम प्रकाश यादव को उसके मोबाइल फोन पर संपर्क कर रिश्वत के पैसे लेने के लिए सछ्वावना पुल पहुंचकर मार्ग पर नवदुर्गा शिव मंदिर के पास बुलाया। दस्ता नागरिक वेश में आस-पास मौजूद रहा। लेखपाल ओम प्रकाश यादव ने करीब दो बजे पहुंचकर ज्यों ही सोनू के हाथ से रुपये लिए त्यों दस्ते ने उसे धर दबोचा। लेखपाल को गिरफ्तार करने वाली टीम में एसआइ द्वय ओम प्रकाश यादव, अनिल कुमार शुक्ल, कांस्टेबल नरेंद्र कुमार सिंह, विजय नारायण प्रधान, सुनील कुमार पांडेय, सुनील कुमार यादव व पुनीत कुमार रहे।