नई दिल्ली से वाराणसी तक स्मॉग का रोड़ा, दो उड़ानें रद और कई विमान विलंबित, कई की छूटी कनेक्टिंग फ्लाइट
नई दिल्ली और वाराणसी में स्मॉग का असर हवाई सफर पर भी पडऩे लगा है। रविवार को दिल्ली-वाराणसी रूट के विमानों समेत करीब एक दर्जन प्लेन विलंबित रहे।
वाराणसी, जेएनएन। नई दिल्ली और वाराणसी में स्मॉग का असर हवाई सफर पर भी पडऩे लगा है। रविवार को दिल्ली-वाराणसी रूट के विमानों समेत करीब एक दर्जन प्लेन विलंबित रहे। हवाई परिचालन बेपटरी होने के कारण दो उड़ानें रद कर दी गईं। सुबह पहुंचने वाले कई विमान शाम को वाराणसी लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान यात्री कभी एयरलाइंस काउंटर से पूछताछ करते तो कभी उनकी निगाहें डिस्प्ले बोर्ड पर जा टिक रहीं थी। अमूमन यही स्थिति सोमवार को भी विमान संचालन में सामने आई।
विमानों के वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचने का फ्लो रविवार को सुबह से ही काफी धीमा रहा। नई दिल्ली से वाराणसी पहुंचने वाले विमान 6ई2025, 6ई243, एसजी2986, यूके 813, एआई433, यूके 672, एसजी 2430 दो से छह घंटे विलंबित रहे। सुबह के विमानों की लैंडिंग शाम में हो पाई। कुछ विमानों का संचालन तीन से चार घंटे देरी से हुआ। विमानों की लेटलतीफी के कारण यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी। उन्हें टर्मिनल भवन में बैठकर विमान का इंतजार करना पड़ा।
वहीं कनेक्टिंग विमानों के सहारे यात्रा करने वालों ने अपना दौरा या तो रद कर दिया या तो दूसरे अन्य विकल्पों के सहारे यात्रा को विवश हुए। कोहरे में दृश्यता कम होने के कारण अमूमन विमान विलंबित रहते हैं। कनेक्टिंग विमानों का टिकट बुक करते समय यात्रियों को सावधानी बरतनी भी चाहिए। क्योंकि एक विमान विलंबित होने से दूसरा विमान छूट सकता है। कुछ इसी तरह की समस्या से विमान यात्री भी इन दिनों कोहरा और स्मॉग के कारण दो चार हो रहे हैं।
ये विमान रहे विलंबित विमान
6ई 2024 दो घंटे
एआई 406 छह घंटे
एआई 433 डेढ़ घंटे
एसजी 2981 पांच घंटे
एसजी 2538 एक घंटे
एसजी 2982 छह घंटे
एसजी 3329 दो घंटे
6ई 513 एक घंटे
यूके 812 तीन घंटे
यूके 671 एक घंटे
6ई 176 एक घंटे
6ई 243 साढ़े तीन घंटे
ये उड़ान हुईं रद
6ई 6097
6ई 991
कनेक्टिंग विमान का टिकट बुक करते समय बरतें सावधानी
सर्दियों में कोहरे के चलते दृश्यता कम होने से विमान आए दिन विलंबित रहते हैं। इसलिए कनेक्टिंग (लिंक) विमानों का टिकट बुक करते समय यात्रियों को सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि एक विमान विलंबित होने से आपका दूसरा विमान छूट जाएगा। आपके टिकट के रुपये भी वापस नहीं मिल पाएंगे। कनेक्टिंग विमान के सेम एयरलाइंस का होने के कारण विमानन कंपनियां यात्रियों को सहूलियत जरूर देती हैं। ऐसे में कनेक्टिंग विमान का टिकट बुक करते समय दो से ढाई घंटे का अंतराल जरूर देखना चाहिए।
विदेशी मेहमानों की बढ़ी तादाद, एयरपोर्ट गुलजार
पर्यटन सीजन शुरू होने के साथ ही एयरपोर्ट गुलजार रहने लगा है। देशी, विदेशी सैलानियों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। इसकी जड़ देव-दीपावली के अद्भुत नजारे का दीदार करना है। विंटर सीजन 28 अक्टूबर से शुरू होकर 31 मार्च तक चलता है। विदेशों में अक्टूबर-नवंबर माह में ही छुट्टियां रहती हैं। लिहाजा उनके इंडिया आने का फ्लो बढ़ जाता है। अक्टूबर माह में सैलानियों की संख्या अनुमानत: करीब आठ हजार रही थी, जो अब 10 हजार तक पहुंच गई है। विमानन कंपनियों, पर्यटन से जुड़े लोग इस अवधि को सीजन बताते हैं। उनका कहना है कि देव दीपावली पर्व नजदीक होने के कारण यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। होटलों की बुकिंग पहले से होने के कारण मुश्किल से कमरे मिल पाते हैं।