बलिया में लंगूर बंदर ठंड की वजह से हो गया बेहोश तो लोगों ने इस तरह बचायी उसकी जान
भीषण गलन बारिश और ठंड के बीच गुरुवार की सुबह बलिया जिले के रेवती क्षेत्र में ठंड से बेहाल एक लंगूर बंदर अचानक बेहोश हो गया तो लोगों ने प्रयास कर उसे नया जीवन दिया।
बलिया, जेएनएन। ठंड का व्यापक असर इन दिनों कुछ ऐसा है कि आम आदमी ही नहीं पशु और पक्षी भी व्याकुल हो गए हैं। भीषण गलन, बारिश और ठंड के बीच गुरुवार की सुबह बलिया जिले के रेवती क्षेत्र में ठंड से बेहाल एक लंगूर बंदर अचानक बेहोश हो गया तो लोगों ने प्रयास कर उसे नया जीवन दिया। स्थानीय लोगों ने अलाव जलाने के साथ ही बोरे से बंदर को ढंक कर ठंड से बचाने की काेशिश की।
सुबह लंगूर बंदर को कंपकपी होते देखकर आस पास के लोगों और दुकानदारों ने अलाव जलाकर उसे घंटो राहत देने का प्रयास किया, हालत में अधिक सुधार नहीं हुआ तो चिकित्सक को बुलाकर इंजेक्शन भी लगवाया गया। हालांकि बंदर की हाल ठंड से पूरी तरह दोपहर तक भी नहीं उबर सकी।
रेवती क्षेत्र में नगर के बड़ी बाजार काली मंदिर रोड पर ठंड लगने से एक बड़ा लंगूर बंदर अचानक जमीन पर गिर पड़ा। बंदर के गिरने से आस पास के लोगों ने तुरंत उसे उठाकर अलाव के पास ले गए और अलाव से उसके शरीर को सेंककर राहत दिलाया। वहीं बोरे से ढंकने के बाद बंदर को राहत मिली तो वह आग के पास ही लोगों के साथ बैठ गया और ठंड से राहत मिलने पर लोगों ने भी तसल्ली महसूस की। हालांकि वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो सका और सुस्ती के साथ अलाव के पास बैठा रहा।
पूर्वांचल में मौसम का रुख पूरी तरह बदला होने की वजह से पशु पक्षी भी व्याकुल नजर आ रहे हैं। चौराहों और बाजारों में जहां पर अलाव की व्यवस्था की गई है वहीं पर लोगों के साथ पशु पक्षियों का जमावड़ा भी खूब हो रहा है। लोगों के साथ पशुओं का झुंड भी अलाव के पास आकर राहत तलाश रहे हैं। अमूमन यह नजारा समूचे उत्तर भारत में नजर आ रहा है।
पूरे जिले में में पड़ रही व्यापक ठंड और गलन से जन जीवन बुरी तरह दिन दिनों बेहाल है। बेमौसम हो रही बारिश की वजह से जीव जन्तु और गरीब तबके के लोग काफी प्रभावित हैं। क्षेत्र में जगह जगह जले अलाव ही सड़क पर लोगों की जान बचा रहे हैं। वहीं अलाव वाले स्थानों पर कुत्ते और बेसहारा गाय भी आग सेंकते सहज देखे जा सकते हैं। वहीं ठंड से बेहोश हुए लंगूर बंदर की जान बचाने वालों की लोगों ने भी काफी प्रशंसा की।