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संत रविदास मंदिर में पांच करोड़ की लागत से बना है लंगर हाल, जानिए क्‍या मिलेंगी श्रद्धालुओं को सुविधाएं

Sant Ravidas temple लंगर हाल के पास चहारदीवारी का प्रपोजल भेजा गया था लेकिन पास नहीं हुआ है। सुरक्षा के लिहाज से यहाँ ठीक नहीं है इसके लिए बांस से बैरिकेडिंग कराई गई है जिससे आवारा पशुओं के साथ ही संदिग्ध व्यक्तियों को प्रवेश न मिल सके।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 11:12 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 11:12 AM (IST)
संत रविदास मंदिर में पांच करोड़ की लागत से बना है लंगर हाल, जानिए क्‍या मिलेंगी श्रद्धालुओं को सुविधाएं
संत रविदास मंदिर के विस्तारीकरण और सुंदरीकरण के लिए पांच करोड़ रुपये तक खर्च हुए हैं।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। संत रविदास मंदिर के विस्तारीकरण और सुंदरीकरण के लिए लगभग पांच करोड़ की लागत से लंगर हाल बनाया गया है। यहां पर लंगर के लिए काफी स्‍पेस भी है तो दूसरी ओर कई लोगों के साथ में बैठने की सुविधा का भी ख्‍याल रखा गया है। माना जा रहा है कि बजट लगातार जारी होता रहा तो सुरक्षा सहित तमाम पहलुओं को केंद्र में रखकर लंगर हाल को जल्‍द पूरी तरह खोला जा सकता है। 

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हालांकि, करोड़ों की लागत से बने लंगर हाल की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा गया। मंदिर प्रबंधन के ट्रस्टी के एल सरोये ने बताया कि लंगर हाल के पास चहारदीवारी का प्रपोजल भेजा गया था लेकिन पास नहीं हुआ है। सुरक्षा के लिहाज से यहां ठीक नहीं है इसके लिए बांस से बैरिकेडिंग कराई गई है जिससे आवारा पशुओं के साथ ही संदिग्ध व्यक्तियों को प्रवेश न मिल सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला 2019 में रविदास जयंती के अवसर पर रखी थी। यहां खास मेहमानों के साथ मंदिर के प्रमुख संतो के साथ धर्म प्रमुख संत निरंजन दास भी रह सकते हैं। संत निरंजन दास की सुरक्षा के लिए जेड श्रेणी की सुरक्षा भी मिली है। ऐसी स्थिति में यहां चारो तरफ से खुले लंगर हाल में सुरक्षित नही है। रविदास जयंती की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहुंचे एडीएम सिटी से मंदिर प्रबंधन के लोगों ने इस बात की चर्चा भी की। एडीएम सिटी ने सुरक्षा के लिहाज से चहारदीवारी का प्रपोजल बनाकर भेजने को कहा है।

हाइवे और मंदिर से जुड़ने का रास्ता भी अधूरा : नवनिर्मित लंगर हाल पहुंचने के लिए नेशनल हाइवे के पास डाफी टोलप्लाज़ा से भवन तक सड़क 40 फीट बननी है जिसपर अभी तक मात्र मिट्टी डालकर छोड़ी गई है जो जगह जगह बरसात के बाद बह गई है।किनारे सीवर के लिए डाली गई पाइप लाइन तोड़कर सड़क के किनारे रखी गई है। इस मार्ग को लंगर हाल तक जाने के लिए एनएचआइ की तरफ से आपत्ति भी की गई है जिसकी जानकारी संत्संग हाल देखने आए मुख्यमंत्री के माध्यम से प्रशासन ने भेजी थी। इसके अलावा सत्संग हाल से मंदिर के मुख्य मार्ग को जोड़ने के लिए भी कुछ मकान हैं जिसका अभीतक अधिग्रहण नही हुआ। ट्रामा सेंटर से मंदिर तक की सड़क का नवीनीकरण भी अधूरा है।


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