आजमगढ़ में तीन वित्तीय वर्ष में भी 1800 आवास बनाने के लिए नहीं मिली भूमि
आजमगढ़ में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना अंतर्गत शहरी जरूरमंदों के लिए कुल 1800 (सहयोग से किफायती) आवास का निर्माण कराया जाना है लेकिन अब तक भूमि नहीं मिल सकती है।
आजमगढ़, जेएनएन। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना अंतर्गत शहरी जरूरमंदों के लिए कुल 1800 (सहयोग से किफायती) आवास का निर्माण कराया जाना है। कई वित्तीय वर्ष बीत जाने के बाद भी कार्यदायी संस्था आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरण को अब तक भूमि नहीं मिल सकी है। कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों का जिलाधिकारी को पत्र लिखने का क्रम जारी है लेकिन अभी तक आश्वासन ही मिलता रहा। ऐसे में केंद्र सरकार की योजना एक तरह से ठंडे बस्ते में ही चली गई है।
भूमि का चिह्नीकरण तो हुआ, लेकिन एनजीटी के दायरे में आ गई
वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 में आवास विकास परिषद को योजना के तहत 1000 आवास बनाने का लक्ष्य दिया गया, जिसके लिए लगभग 3.50 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। कार्यदायी संस्था अधिकारी जिला प्रशासन से भूमि उपलब्धता के लिए लगातार प्रयास करती रही, लेकिन अभी तक संभव नहीं हो सका। इसी प्रकार कार्यदायी संस्था विकास प्राधिकरण को वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में इसी योजना के तहत 800 आवास बनाने का लक्ष्य दिया गया। बड़ी मुश्किल से 432 आवास निर्माण के लिए होमगार्ड कार्यालय सिधारी पर तमसा नदी के किनारे लगभग 1.40 हेक्टेयर भूमि मिली। कार्यदायी संस्था के नाम भूमि भी हो गई। शासन से 17 करोड़ रुपये की मंजूरी भी मिल गई। भूमि का चिह्नीकरण तो हुआ, लेकिन जब परियोजना के शुरुआत का समय आया तो भूमि एनजीटी के दायरे में आ गई। नतीजा फिर सिफर...।
जब भूमि मिल जाएगी तो उसका एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा जाएगा
आवास विकास परिषद के अधिशासी अभियंता महेंद्र कुमार का कहना है कि आवास निर्माण के लिए पुन: जिलाधिकारी से मुलाकात कर भूमि उपलब्धता की बात रखी गई है। उन्होंने सीआरओ को निर्देशित किया है। हम भी सीआरओ के संपर्क में लगातार बने हैं। देखिए कब भूमि मिलती है। जब भूमि मिल जाएगी तो उसका एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा जाएगा।