काशी में बसाई गई थी टेंट सिटी, भारतीय प्रवासी सम्मेलन के बाद अब मारामारी की नौबत
प्रवासी भारतीय सम्मेलन को लेकर जनवरी में ऐढ़े में बसाई गई टेंट सिटी की जमीन में विवाद पैदा हो गया है।
वाराणसी, जेएनएन। प्रवासी भारतीय सम्मेलन को लेकर जनवरी में ऐढ़े में बसाई गई टेंट सिटी की जमीन में विवाद पैदा हो गया है। नाराज काश्तकारों ने जिला प्रशासन से जमीन का सीमांकन कराने की मांग की है जिससे घेराबंदी की जा सके। जमीन का सीमांकन नहीं होने से विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। एक ही जमीन पर कई लोग दावेदारी कर रहे हैं जबकि जिला प्रशासन ने भारतीय प्रवासी सम्मेलन के बाद जमीन का सीमांकन कराने को कहा था।
भारतीय प्रवासी सम्मेलन में शामिल होने आए लोगों को ठहरने के लिए ऐढ़े गांव में टेंट सिटी बसाई गई थी। जिला प्रशासन ने सभी काश्तकारों के खेत के मेढ़ को जेसीबी से लेबल करा दिया था। इस दौरान काश्तकारों ने विरोध किया तो जिला प्रशासन ने उन्हें यह भरोसा दिलाया था कि जिसकी जितनी जमीन जहां है, वहीं मिलेगी। बाद में विवाद की स्थिति पैदा नहीं होगी।
एसडीएम को सौंपी थी जिम्मेदारी : जिलाधिकारी और वीडीए उपाध्यक्ष ने काश्तकारों के विरोध करने पर उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनकी जमीन की मेढ़बंधी में कोई अंतर नहीं आएगा। जेसीबी से लेबल करने से पहले उसका नक्शा तैयार कर लिया गया है। इसकी जिम्मेदारी एसडीएम को सौंपी गई है।
दबंगों की नीयत हुई खराब : मेढ़बंधी नहीं होने पर कुछ दबंगों की नीयत खराब हो गई है। वे छोटे काश्तकारों की जमीन को अपना बता रहे हैं। कुछ विवादित जमीन पर भी वे जबर्दस्ती कब्जा करने लगे हैं। इसको लेकर कई काश्तकारों ने जिला प्रशासन से मेढ़बंधी करने की गुहार लगाई है।
तहसील टीम पहुंची पैमाइश करने : एसडीएम सदर के निर्देश पर तहसील टीम ऐढ़े गांव में जमीन की पैमाइश करने पहुंची तो पूरे गांव के लोग जुट गए। लोग अपनी-अपनी जमीन की पैमाइश करने की मांग करने लगे, ऐसे में एक किनारे से जमीन पैमाइश करने की बात आई। जमीन की पैमाइश शुरू हो गई है।