श्रीसमृद्धि कामना से महालक्ष्मी की आराधना, भगवती को 16 सामग्री होंगे अर्पण
लक्ष्मीकुंड पर सोमवार को श्री-समृद्धि की अधिष्ठात्री महालक्ष्मी को समर्पित सोरहिया मेला व्रत संकल्पों के साथ शुरू हो गया, लोगों ने धागा बांध कर व्रत लिया।
वाराणसी (जेएनएन) । लक्ष्मीकुंड पर सोमवार को श्री-समृद्धि की अधिष्ठात्री महालक्ष्मी को समर्पित सोरहिया मेला व्रत संकल्पों के साथ शुरू हो गया। श्रद्धालु महिलाओं-पुरुषों ने विधि-विधान से बांह में 16 गांठ का धागा बांध कर व्रत संकल्प लिया। भगवती का दर्शन-पूजन कर 16 दिनों तक चलने वाला व्रत-अनुष्ठान का श्रीगणेश किया। भादो शुक्ल पक्ष की अष्टमी से आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तक चलने वाले लक्खा मेला में शामिल होने के लिए लक्सा से लक्ष्मीकुंड की ओर से जाने वाले सभी मार्गों पर सुबह से ही भीड़ लग गई। पहले दिन से ही भगवती महालक्ष्मी के दर्शन के लिए महिलाओं व पुरुषों का तांता लगा रहा। भक्तों ने मां को 16 तरह के मिष्ठान, फल के साथ माला -फूल, नारियल-चुनरी अर्पित कर सुख -समृद्धि की कामना की। लोगों नेे मेला क्षेत्र में सजी दुकानों से मिïट्टी की बनी मां लक्ष्मी की मूर्तियां खरीदीं।
भगवती महालक्ष्मी का सोलह दिनों तक व्रत रहकर अनुष्ठान करने के लिए मंदिर पहुंचकर प्रथम दिन सोलह गांठ का पीला धागा महिलाओं ने बाएं हाथ में व पुरुषों ने दाहिने हाथ में बांध कर 16 दिनों तक व्रत -पूजन का संकल्प लिया। महालक्ष्मी के मंदिर की 16 बार परिक्रमा की तथा मंदिर स्थित कुंड पर 16 प्रकार के फल, मिष्ठान, माला-फूल, नारियल व सुहाग सामग्री अर्पित कर भगवती की कथा का श्रवण किया। संकल्पधारियों का यह क्रम सोलह दिनों तक नियमित चलता रहेगा।