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महज ढाई घंटे की दुकान फीके कर देती है रेस्टोरेंट के पकवान, जानिए इस खास जायके के बारे में Varanasi news

वास्तव में यह ठेला एक दशक से पांडेयपुर में लगा करता था सुंदरीकरण में जब ठेले हटाए जाने लगे तो ठेले ने नया ठिकाना तलाश लिया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 02:13 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 02:13 PM (IST)
महज ढाई घंटे की दुकान फीके कर देती है रेस्टोरेंट के पकवान, जानिए इस खास जायके के बारे में Varanasi news
महज ढाई घंटे की दुकान फीके कर देती है रेस्टोरेंट के पकवान, जानिए इस खास जायके के बारे में Varanasi news

वाराणसी, [नवनीत रत्न पाठक]। बनारस जितना धर्म-अध्यात्म और पर्व -उत्सवों के लिए जाना जाता है, खानपान का जिक्र आने पर भी उतनी ही प्राथमिकता से इस शहर का आता है। होटल-रेस्त्रां की कमी नहीं यहां लेकिन बनारसियों की रसना को तो ठेले पर सजा अलबेला स्वाद खूब भाता है।

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अर्दली बाजार स्थित कस्तूरबा बालिका इंटर कालेज के सामने यह नित्य लगने वाले ठेले पर साफ दिख जाता है। ढाई घंटे की इस चलती-फिरती दुकान के यहां आने के साथ जुटान और स्वाद ऐसा की फीके पड़ जाएं रेस्टोरेंट के पकवान। इस पर इडली डोसा के साथ मसाला डोसा के कद्रदानों की जुटान होती है।

वास्तव में यह ठेला एक दशक से पांडेयपुर में लगा करता था। सुंदरीकरण में जब ठेले हटाए जाने लगे तो ठेले ने नया ठिकाना तलाश लिया। संचालक दीपक गुप्ता बताते हैं-चने व उड़द की दाल में आलू, टमाटर, प्याज, मटर, मनीर, काजू -किशमिश भर कर इसे आकार देते हैं। लोगों को यह पसंद आता है तो बनाने में भी मन रम जाता है। 


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