वर्ष 2011 में हत्या की वारदात में सबसे पहले किट्टू का आया था नाम, अब एक लाख का इनामी सोनू चुनौती
एक लाख का इनामी रौशन गुप्ता किट्टू सराफा व्यवसायियों के लिए आतंक का पर्याय बन गया था। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके खिलाफ तीन दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं। इनमें एक दर्जन सिर्फ हत्या व हत्या के प्रयास का है।
वाराणसी, जेएनएन। एक लाख का इनामी रौशन गुप्ता किट्टू सराफा व्यवसायियों के लिए आतंक का पर्याय बन गया था। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके खिलाफ तीन दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं। इनमें एक दर्जन सिर्फ हत्या व हत्या के प्रयास का है। पिछले दिनों चौकाघाट क्षेत्र में 28 अगस्त को हुए दोहरे हत्याकांड के बाद से पुलिस उसके पीछे पड़ गई थी। इसके बाद 15 नवंबर को बड़ी पियरी क्षेत्र निवासी सराफा कारोबारी के घर में घुसकर उसने पिस्टल दिखाकर 50 लाख रंगदारी की मांग की थी। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ। सबसे पहले वर्ष 2011 में दशाश्वमेध थाना क्षेत्र में एक हत्या के मामले में उसका नाम सामने आया था। इसके बाद उसका अपराधिक आपराधिक ग्राफ बढ़ता गया।
सनी के मारे जाने के बाद और हो गया था घातक
वर्ष 2015 में कबीरचौरा स्थित राजकीय महिला अस्पताल में एसटीएफ ने इनामी रोहित सिंह उर्फ सनी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। इस दौरान उसके साथी मोनू, रौशन व मनीष फरार हो गए थे। सनी के मारे जाने के बाद गिरोह की कमान तीनों ने संभाल ली थी। इनमें से मोनू चौहान को पांच दिन पूर्व पुलिस ने ऐढ़े रिंग रोड के पास मुठभेड़ में मार गिराया गया। अब पुलिस के लिए एक लाख का इनामी लंका थानांतर्गत नरोत्तमपुर निवासी मनीष सिंह उर्फ सोनू पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। सोनू पर भी दो दर्जन संगीन मामले दर्ज हैं। पुलिस उसके ठिकानों पर दबिश दे रही है।
सराफा कारोबारियों को मिली राहत
मुठभेड़ में किट्टू के मारे जाने के बाद शहर के सराफा कारोबारियों ने राहत की सांस ली है। एसएसपी अमित पाठक के साथ मंडलीय अस्पताल पहुंचे उत्तर प्रदेश सराफा व्यवसायी के प्रभारी मारकंडेय वर्मा ने किट्टू को मृत हालत में देखकर राहत की सांस ली और पुलिस टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बदमाशों का सफाया करना शासन की मंशा है और जिले की पुलिस इसमें खरी उतर रही है।