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खरमास प्रारंभ : बैंड-बाजा बरात पर एक माह के लिए विराम,14 अप्रैल से होंगे मंगल कार्य

बैंड बाजा -बरात के खुमार पर शुक्रवार से एक माह के लिए विराम लगने जा रहा है। सूर्य देव का 15 मार्च की सुबह 8.10 बजे कुंभ से मीन राशि पर संचरण होते ही खरमास लग जाएगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 10:05 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 06:05 AM (IST)
खरमास प्रारंभ : बैंड-बाजा बरात पर एक माह के लिए विराम,14 अप्रैल से होंगे मंगल कार्य
खरमास प्रारंभ : बैंड-बाजा बरात पर एक माह के लिए विराम,14 अप्रैल से होंगे मंगल कार्य

वाराणसी, जेएनएन। बैंड बाजा -बरात के खुमार पर शुक्रवार से एक माह के लिए विराम लगने जा रहा है। सूर्य देव का 15 मार्च की सुबह 8.10 बजे कुंभ से मीन राशि पर संचरण होते ही खरमास लग जाएगा। इस राशि में भगवान भास्कर 14 अप्रैल की शाम 4.15 बजे तक रहेंगे और इसके बाद मेष में प्रवेश करते ही खरमास का समापन होगा। इसके बाद ही शादी- विवाह समेत मांगलिक कार्य आरंभ होंगे।  

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ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार सनातन धर्म में भगवान भास्कर का धनु व मीन राशि पर संचरण खरमास कहलाता है। देव गुरु बृहस्पति इन दोनों राशियों के स्वामी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में सौम्य व मांगलिक कार्यों के कारक के रूप में इन्हें जाना जाता है। वहीं सूर्य देव जब-जब धनु मीन पर आते हैं तो खरमास होता है। इस अवधि में शादी, विवाह, गृह प्रवेश, द्विरागमन, यज्ञोपवीत समेत किसी भी शुभ कार्य का शुभारंभ शास्त्रों में वर्जित किया गया है। वर्ष में दो बार खरमास लगता है, इसमें पहला प्राय: 13-14 दिसंबर से 13-14 जनवरी और दूसरा 14 -15 मार्च से 14-15 अप्रैल तक रहता है। 

अगले सत्र में झमाझम लगन : बरात के शौकीनों को निराश होने की भी जरूरत नहीं। खरमास के ठीक बाद 14 अप्रैल से 11 जुलाई तक झमाझम लगन है। इस अवधि में 48 लगन-मुहूर्त पड़ रहे हैं। इसमें मई में सर्वाधिक 18 लग्न हैं। इसके बाद 12 जुलाई से चातुर्मास्य लगेगा और हरिप्रबोधिनी एकादशी पर आठ नवंबर को लग्न मुहूर्त की शुरूआत हो पाएगी।   

अप्रैल : 14 से 26 तक 

मई : एक से चार, 12 से 15, 17 से 21, 23-24, 28 से 30 तक। 

जून : 4, 8, 9, 10, 11, 13 से 20, 24 से 26 तक। 

जुलाई : 5 से 11 तक।


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